इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच जबरदस्त जंग छिड़ गई है. लेकिन इससे आपके निवेश पर, शेयर बाजार क्या असर पडे़गा, भारतीय स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था क्या मोड़ लेगी? हम आपको भारतीय शेयर बाजार में ट्रेड होने वाले ऐसे स्टॉक्स के बारे में भी बताएंगे जिनका इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध से लेना-देना है ताकि आप उन शेयरों पर नजर रख सकें और ये भी बताएंगे कि निवेशक इस आपदा में बाजार के घाटे से कैसे बच सकते हैं.
ये जंग आगे क्या मोड़ लेगी, ये कोई नहीं जानता. लेकिन इसका क्या असर पड़ेगा, इसे पहले शॉर्टकट में जान लीजिए.
कच्चा तेल महंगा होगा
दुनिया का व्यापार प्रभावित हो सकता है
गोल्ड में तेजी आएगी
रुपया गिर सकता है
महंगाई की आशंका है
शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है
संयोग देखिए दुनिया में दो जगह जंग छिड़ी है और दोनों जंग एनर्जी जोन में हो रही है. इजरायल और हमास की जंग मिडिल ईस्ट में जहां से कच्चा तेल सप्लाई होता है और दूसरी जगह रूस और यूक्रेन- रूस भी कच्चे तेल और गैस का सप्लायर है. इस जंग का सीधा असर कच्चे तेल पर देखने को मिलेगा.
कच्चे तेल में तेजी
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आनी शुरू भी हो गई है. ब्रेंट क्रूड की कीमत 90 डॉलर के आसपास है, अमेरिका के कच्चे तेल की कीमत भी 85 डॉलर से ज्यादा है. जहां जंग छिड़ी है ये दुनिया का मिडिल ईस्ट यानी मध्य पूर्व कहलाता है, जहां अभी तनाव बढ़ गया है और यहीं से कच्चे तेल की सप्लाई का लगभग एक तिहाई हिस्सा होता है.
फिलहाल कच्चे तेल की कीमत को लेकर ज्यादा तनाव नहीं है लेकिन अगर जंग का विस्तार होता है, फिर कच्चे तेल में तेजी आ सकती है. क्योंकि हमास को बैंकिंग देने वाला ईरान भी कच्चा तेल की सप्लाई करता है.
एक तो कच्चे तेल में महंगाई की संभावना पहले से बनी है क्योंकि कच्चा तेल निकालने वाले देशों ने इसके उत्पादन में कमी कर दी है जिससे की कीमतें बढ़ी हैं.
मिंट से बातचीत में बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकॉनमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि फिलहाल कच्चा तेल 90 डॉलर को क्रॉस कर चुका है और फिर नीचे आ गया है. उनका मानना है कि 90 डॉलर वो सीमा बन गई है कि अगर इसके आसपास कच्चे तेल की कीमत बनी रही तो ठीक है, अगर इसके पार जाती है तो फिर कुछ नहीं कहा जा सकता. यानी कीमतों में लंबी उछाल और एक्सपर्ट इतिहास के हवाले से ये भी कहते हैं कि जब भी कच्चे तेल में तेजी आई है वो लंबे समय तक रही है.
मदन सबनवीस ने ये भी कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया और गिर सकता है, ये 84 रुपये तक जा सकता है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है.
महंगाई बढ़ने की आशंका
अब जाहिर है, कच्चे तेल में तेजी का मतलब महंगाई, क्योंकि अनाज से लेकर बाकी चीजों के ट्रांसपोर्ट के लिए तो पेट्रोल-डीजल ही लगता है. आप सोच रहे होंगे चुनाव नजदीक है, पेट्रोल डीजल में राहत मिल सकती है लेकिन इस राहत की संभावना अब ना के बराबर हो गई है, उल्टा कीमतें बढ़ सकती है. अब अगर सरकार नुकसान उठा कर लोगों को राहत दे दे तो अलग बात है.
चूंकि भारत इंपोर्ट पर ज्यादा निर्भर रहता है, हम कोयला, गैस, कच्चा तेल और भी सामान का इंपोर्ट करते हैं इसलिए इस इंपोर्ट के साथ हम महंगाई को भी इंपोर्ट करेंगे.
अब अगर महंगाई बढ़ती है, तो इस महंगाई से लड़ रही RBI ने जो ब्याज दरों को ऊपर रखा है वो या तो और ऊपर जा सकती हैं या फिर लंबे समय तक बरकरार रह सकती है.
शेयर बाजार को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि फौरी तौर पर कोई असर नहीं दिखेगा. लेकिन आगे चलकर अगर ग्लोबल मार्केट पर असर पड़ता है तो उस असर के छींटे भारतीय शेयर बाजार पर भी जरूर पड़ेंगी.
सोने की कीमतों आएगी तेजी?
सोने की कीमतों में उछाल के संकेत हैं, उछाल आएगा क्योंकि जोखिम से भरे शेयर बाजार से निकलकर निवेशक सोने की तरफ जाएंगे क्योंकि इसकी कीमत तो जंग के दौरान भी और आगे भी चमकती रहेगी. हालांकि सोना खरीदने वालों के लिए बुरा साबित होगा.
किन स्टॉक्स पर पड़ेगा सीधा असर?
पहले तो सभी गैस और कच्चे तेल की कंपनियों पर इसका असर पड़ेगा - जैसे: ONGC, Oil India, Mahanagar Gas, Reliance Industries, Castrol India.
फिर पेंट बनाने के लिए कच्चा तेल इस्तेमाल करने वाली Asian Paints, Berger Paints, IndiGo Paints, Nerolac.
फिर Sun Pharmaceutical. सन फार्मा का इजरायल की Taro Pharmaceutical में अधिकतम हिस्सेदारी है. Dr. Reddy’s और Lupin पर भी नजर रखें क्योंकि इसका संबंध इजरायल की Teva Pharmaceutical से है.
फिर अडानी पोर्ट्स के शेयर, जो इजरायल में हाइफा पोर्ट का मालिक है.
फिर टीसीएस जिसके कई प्रोजेक्ट इजरायल में सरकार के साथ भी चल रहे हैं, टीसीएस में वहां करीब 1000 कर्मचारी काम करते है.
NMDC, Kalyan Jewellers, Infosys, Tech Mahindra और Wipro का भी इजरायल से लेना देना है इसलिए इनकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है.
इनमें से कईयों के शेयरों में जंग शुरू होने के तुरंत बाद गिरावट भी देखी गई है.
याद कीजिए G20 में India-Middle East-Europe Economic Corridor की घोषणा हुई थी. इस पर भी खतरा मंडरा रहा है.
निवेशकों के लिए सलाह - घाटे से कैसे बचें?
मिंट से बातचीत में स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा कहते हैं कि, शॉर्ट टर्म में निवेश करने वालों को अधिक सावधानी बरतने और ट्रेडिंग में जल्दबाजी न करने की सलाह दी जाती है. वहीं लॉन्ग टर्म में निवेश करने वाले मार्केट में हो रहे करेक्शन का फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि इस दौरान कई शेयरों के दामों में कमी आएगी, जिसे थोड़ा-थोड़ा जरूर खरीदें, लेकिन केवल उन कंपनियों के शेयर जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हो ताकी आगे चलकर ये आपको मुनाफा दे सकते हैं.
इसलिए खुद रिस्क न लें, केवल रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेकर फैसला करें.
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