रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के फीचर फोन की डिलिवरी शुरू हो गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस को इस फोन का 40 फीसदी कॉस्ट खुद उठाना पड़ रहा है.
जानकारों के मुताबिक, इस 4G फोन के जरिए रिलायंस तेजी से मार्केट में पैठ बनाने की कोशिश में है, जिसका सीधा फायदा जियो की 4G डेटा सर्विस को होगा.
2500 के फोन को 1500 में दे रही है कंपनी!
सूत्रों के मुताबिक, जहां जियो के लिए 1500 रुपये का रिफंडेबल अमाउंट लिया जा रहा है वहीं फोन के असेंबलिंग की कीमत कम से कम 2500 रुपये है.
इसका मतलब है कि रिलायंस टेलीकॉम को 1 करोड़ जियोफोन के एवज में 1 हजार करोड़ का खर्च उठाना पड़ रहा है. कंपनी का लक्ष्य है कि अगले दो साल में 25 से 30 करोड़ सब्स्क्राइबर बनाए जा सकें.
रिलायंस के इस कदम का साफ संकेत है कि कंपनी उन 50 करोड़ यूजर्स में अपनी पैठ बनाना चाहती है, जिनके पास अब भी स्मार्टफोन नहीं हैं.
हर तबके तक पहुंचने का लक्ष्य
बता दें कि जियो का VoLTE नेटवर्क सिर्फ 4G स्मार्टफोन में ही काम करता है. ऐसे में सब्सिडी रेट्स पर भी कई लोग जियो के नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं कर पाते. लिहाजा, कंपनी ने सस्ता जियोफोन लॉन्च किया है जिससे इंटरनेट की सुविधा हर तबके तक पहुंच सके. ऐसे में साफ है कि डेटा के दमपर पर कंपनी इतना बड़ा फैसला ले रही है.
जियो, देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की कंपनी है. तेजी से आगे बढ़ रही इस टेलीकॉम कंपनी के महज 12 महीने में करीब 12.9 करोड़ यूजर्स हैं. मार्केट शेयर के लिहाज से देखा जाए तो ये कुल यूजर्स का 10.8 फीसदी है. कंपनी ने लुभावने ऑफर्स और फ्री प्लान के जरिए सब्स्क्राइबर्स को जुटाने में सफलता हासिल की है.
JIO ने मार्केट बदलकर रख दिया
जियो के आने के पहले देश में कई टेलीकॉम कंपनियां काम कर रही थीं, लेकिन जियो ने मार्केट में कंप्टिशन इतना बढ़ा दिया कि अब देश के बड़े शहरों में रेस सिर्फ रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन- आइडिया के बीच रह गई है. रॉयटर्स के यूनिट रिव्यू के मुताबिक, जियोफोन चीन में मैन्युफेक्चर किया जा रहा है, इसकी असेंबलिंग भारत में हो रही है,
(इनपुट: रायटर्स)
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