रिलायंस जियो ने कहा है कि ट्राई की ओर से इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज यानी IUC की समीक्षा प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया के सपने को चकनाचूर कर देगी.इससे न सिर्फ ट्राई की विश्वसनीयता को धक्का लगेगा बल्कि निवेशकों का विश्वास भी इस सेक्टर से उठ जाएगा. ट्राई का यह कदम इस सेक्टर की कुछ कंपनियों के स्वार्थ पूरे करेगा.
‘ट्राई का फैसला मनमाना, टेक्नोलॉजी और गरीबी विरोधी’
जियो ने आईयूसी को खत्म करने की समयसीमा से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को मनमाना, टेक्नोलॉजी विरोधी, कानूनी रूप से कमजोर, अनुचित और गरीब विरोधी करार दिया. ट्राई पर निशाना साधते हुए जियो ने कहा कि आईयूसी पर उसके रवैये से नियामक की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा.
ट्राई के परिचर्चा पत्र पर अपने जवाब में जियो ने दावा किया कि एक जनवरी, 2020 की क्रियान्वयन तारीख में किसी तरह के बदलाव से मुफ्त कॉल का दौर समाप्त हो जाएगा और टैरिफ में इजाफा होगा.
जियो ने कहा है यह उपभोक्ता हित में नहीं होगा. किसी दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर अपने ग्राहक के कॉल को पूरा करने के लिए दूरसंचार ऑपरेटर को भुगतान करना पड़ता है. इसमें कंपीटिटर नेटवर्क को चार्ज देना पड़ता है.
रिलायंस जियो ने 9 अक्टूबर को एयरटेल और वोडाफोन जैसे दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए प्रति मिनट 6 पैसे का इंटरकनेक्ट यूसेज (IUC) चार्ज लेने का ऐलान किया था.कंपनी इसकी भरपाई के लिए उपभोक्ताओं को इसके बराबर मूल्य का मुफ्त डेटा देगी. इसके बाद एयरटेल ने भी अपने नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर कॉल के लिए IUC का ऐलान कर दिया. हालांकि जियो ने कहा है कि ग्राहकों से जितना IUC वसूला जाएगा उतने ही मूल्य का उन्हें फ्री डेटा मिलेगा.
कब तक लिया जाएगा चार्ज?
रिलायंस जियो के बयान में कहा गया है कि कंपनी को जब तक दूसरे नेटवर्क पर किए जाने वाले अपने ग्राहकों के कॉल पर पेमेंट करना होगा तब तक यह चार्ज लिया जाएगा. कंपनी ने कहा है कि जियो के फोन या लैंडलाइन पर कॉल करने का कोई चार्ज नहीं लगेगा. वॉट्सऐप और फेसटाइम समेत इस तरह के दूसरे ऐप से किए गए फोन कॉल पर भी कोई चार्ज नहीं लगेगा. सभी नेटवर्क के इनकमिंग फोन कॉल फ्री होंगे.
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