रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का कहना है कि इकनॉमिक ग्रोथ और भविष्य के लिए देश में मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है. 15वें वित्त आयोग के चेयरपर्सन एनके सिंह की किताब ‘पोट्र्रेट्स आफ पॉवर: हॉफ ए सेंचुरी आफ बीइंग एट रिंगसाइट’की ऑनलाइन लॉन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा कि मैन्युफेक्चरिंग के बारे में फिर से सोचने और नए-नए तरीके निकालने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जैसे टेक्नोलॉजी सेक्टर में स्टार्टअप्स हैं, उसी तरह SMEs की मदद कर उन्हें बढ़ावा देने की जरूरत है.
जितना हम ‘क्लिक्स’ यानी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के बारे में सोचते हैं, हमें ‘ब्रिक्स’ यानी उद्योग-धंधों के बारे में भी उतना ही सोचने की आवश्यकता है.
अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल फिलहाल में SMEs के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है. कंपनी ने एनुअल जनरल मीटिंग में SMEs के लिए क्लाउड कनेक्टिविटी की सुविधा कम दाम पर मुहैया कराने का भी ऐलान किया था. इसी के साथ रिलायंस SMEs और कारोबारियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने में भी जुटी हुई है.
मुकेश अंबानी ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत मैन्युफेक्चरिंग के लिए खुद का इकोसिस्टम तैयार कर सकता है. जिससे न सिर्फ बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा किए जा सकते हैं साथ ही घरेलू मार्केट के अलावा इंटरनेशनल मार्केट में भी अपनी धाक जमाई जा सकती है.
किताब की लॉन्चिंग के मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने इकनॉमी पर महामारी के प्रभाव और जीडीपी में संभावित गिरावट का आकलन शुरू किया है.
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