सरकार ने सुस्त इकनॉमी को रफ्तार देने के लिए हाउसिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए शनिवार को बड़े ऐलान किए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कांफ्रेंस में अफोर्डेबल और मिडिल इनकम ग्रुप के मकानों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए 36 हजार से लेकर 68 हजार करोड़ रुपये के क्रेडिट का इंतजाम किया जाएगा. एक्सपोर्ट का वक्त कम करने के भी उठाए जाएंगे.
लटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए फंड का होगा इंतजाम
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट जो एनपीए नहीं हैं और दिवालिया अदालत में नहीं हैं, उन्हें पूरा करने के लिए स्पेशल विंडो के जरिए मदद दी जाएगी. गैर NPA और गैर NCLT हाउसिंग प्रोजेक्ट की लास्ट माइल फंडिंग की जरूरत के लिए खास इंतजाम (स्पेशल विंडो) होगा. इन लटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी.
सरकार की ओर 10 हजार करोड़ रुपये का फंड मिलेगा, इतना ही निवेशक भी देंगे. लटके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए जिस फंड की व्यवस्था की जा रही है उसका कामकाज बैंकिंग और हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर के एक्सपर्ट करेंगे.
सरकार के बड़े ऐलान
- अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार रुपये करोड़ का फंड
- एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए क्रेडिट बढ़ाने का फैसला
- एक्सपोर्ट का समय कम करने के लिए उठेंगे कदम
- सितंबर 2019 तक आईटीसी रिफंड के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड सिस्टम
- पूरे देश के चार जगहों पर मेगा शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे
- टैरिफ में छूट के बारे में भी निर्यातकों और आयातकों को पूरी जानकारी मिलेगी
सीतारमण ने कहा कि वह हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए उठाए कदमों पर ताजा जानकारी के लिए 19 सितंबर को बैंकरों के साथ बैठक करेंगी. इस बैठक में रेपो लिंक्ड इंटरेस्ट रेट के मुद्दे पर भी बातचीत होगी.
एक्सपोर्ट सेक्टर की रफ्तार के लिए उठेंगे ये कदम
सीतारमण ने कहा कि एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए टैक्स और ड्यूटी रिएंबर्समेंट योजना आगे बढ़ाई जाएगी. एमईआईएस की जगह रिमिसन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्सेज ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट स्कीम शुरू होग. इसके साथ ही मार्च 2020 में चार थीम पर चार अलग-अलग जगहों पर सालान मेगा शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे.
उन्होंने निर्यातकों को सहूलियत देने के लिए कई कदमों का ऐलान किया. उनके ऐलान के मुताबिक निर्यातकों के लिए जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड की व्यवस्था सितंबर (2019) महीने से इलेक्ट्रॉनिक कर दी जाेगी. एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा. एक्सपोर्टर्स को कर्ज देने वाले बैंकों को ज्यादा इंश्योरेंस कवर मिलेगा. इस पर सालाना 1700 करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्राथमिकता वाले सेक्टर के तहत एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किए जाएंगे.
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