YES बैंक के मामले में पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर पी. चिदंबरम ने सरकार और बीजेपी पर हमला किया है. चिदंबरम ने शनिवार ( 7 मार्च, 2020) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरबीई की निगरानी के बावजूद YES बैंक लोन देता रहा. उसका लोन बुक बढ़ता गया. उन्होंने कहा कि एसबीआई ने सरकार को YES बैंक के लिए जो रेस्क्यू प्लान बताया है वह अजीब है.
इससे पहले शनिवार को एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा बैंक को संकटग्रस्त YES बैंक के पुनर्गठन के लिए ड्राफ्ट स्कीम मिल गया है और वह ड्यू डिलिजेंस के साथ इसका मूल्यांकन कर रहा है.
आरबीआई ने YES बैंक के पुनर्गठन प्लान के बारे में कहा है कि एसबीआई ने बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है. वह इस स्कीम का हिस्सा बनना चाहता है.
सीतारमण ने दिया था भरोसा, डिपोजिटरों का पूरा पैसा सुरक्षित
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने YES बैंक संकट पर शुक्रवार ( 6 मार्च, 2020) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैंक के डिपोजिटरों को भरोसा दिलाया था कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. निर्मला ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यस बैंक संकट गुरुवार को ही सामने नहीं आया. सरकार को इसकी ओर से नियमों के उल्लंघन के बारे में पहले से पता था. बैंक का गवर्नेंस खराब था और यह 2017 से ही हो रहा था.
सीतारमण ने कहा कि लोगों का बैंक में डिपोजिट सुरक्षित है. बैंक के कर्मचारियों का एक साल तक वेतन पक्का है. उन्होंने कहा कि बैंक में इक्विटी लाने के लिए पहले से कोशिश चल रही थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
वित्त मंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों ने यह गौर किया है चेयरमैन लेवल के लोगों ने नियमों की अनदेखी की. आरबीआई ने मुझे आश्वस्त किया है कि बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को इसने तैयार कर लिया है. यह 30 दिन के भीतर सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये निकालने की सीमा सिर्फ 30 दिन के लिए है.
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