पेटीएम ने मोबाइल वॉलेट में क्रेडिट कार्ड के जरिए रुपये डालने पर 2 फीसदी शुल्क लगाने के फैसले को वापस ले लिया है. दो दिन पहले 8 मार्च से ही कंपनी ने यह शुल्क लगाना शुरू किया था.
पेटीएम ने एक बयान में कहा, ‘‘लाखों ग्राहकों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर कंपनी ने 2 फीसदी शुल्क हटाने का फैसला किया है. आगे कई नई चीजें लाई जाएंगी और चीजों के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए भी लगातार नए कदम उठाए जाएंगे.''
क्यों लगाया था शुल्क?
ग्राहक जब अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, मोबाइल वॉलेट कंपनियों को कार्ड नेटवर्क और उसे जारी करने वाले बैंकों को शुल्क देना होता है. अगर ग्राहक क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में पैसा डालते हैं और उसे बैंक में भेजते हैं, तो ई-वॉलेट कंपनियों को नुकसान होता है.
कंपनी का कहना था कि क्रेडिट कार्ड से पेटीएम वॉलेट में रुपये भेजने पर शुल्क लगाने का नियम उसे मजबूरी में बदलना पड़ा था, क्योंकि कई लोग क्रेडिट कार्ड से पेटीएम वॉलेट में रुपये डालकर अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं. इस तरह उन्हें बिना कोई शुल्क दिए आसानी से लोन मिल जाता है.
पेटीएम ग्राहक से बैंक अकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने पर कोई चार्ज नहीं लेती है, लेकिन बैंक कंपनी से इसकी फीस लेता है, जिस कारण पेटीएम को नुकसान होता है.
पढ़ें- अंबानी ने Paytm की 1 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर कमाए 275 करोड़
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)