प्राइवेट सेक्टर की बिजली कंपनियों ने सरकार से कोयले की नीलामी टालने की गुहार लगायी है. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को 1 मई को चिट्ठी लिखकर कहा है की शक्ति B(2) के तहत तीसरे राउंड की नीलामी करने की हड़बड़ी क्यों है? कंपनियों ने ये भी लिखा कि वो कोरोना वायरस के अभूतपूर्व संकट से गुजर रही हैं, ऐसे वक्त में ऑक्शन क्यों कराया जा रहा है.
एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स ने सरकार से कहा है कि अभी कोरोना लॉकडाउन के दौरान पावर प्रोड्यूसर्स को बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों से पेमेंट नहीं मिल रहा. उनके पास अभी रेवेन्यू का कोई जरिया नहीं है. प्रोडक्शन कम हो गया है क्योंकि बिजली की खपत कम हो गई है और कंज्यूमर कंपनियां बिजली नहीं उठा रही हैं.
शक्ति B(2) थर्ड राउंड में नीलामी के लिए योग्य कंपनियां
- KSK
- अडानी
- बजाज
- GMR
- आधुनिक
- ABC
- BLA पावर
- टाटा
- एस्सार
डिपॉजिट रिफंड करने की मांग
ऐसी परिस्थिति में दरअसल नीलामी के लिए जो सरकारी डिपॉजिट किया गया था सरकार उसे तुरंत रिफंड करे. एसोसिएशन ने ये चिट्ठी PMO में प्रधान सचिव पीके मिश्रा को लिखी है. इसके पहले एसोसिएशन कोयला सचिव और कोयला मंत्री से अपनी गुहार लगा चुका है.
एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि अगर ये नीलामी होती है तो इससे बाजार में गड़बड़ी पैदा होगी. मसला ये है कि पावर परचेज एग्रीमेंट एग्रीमेंट के तहत कुछ कंपनियां फिक्स दाम पर बिजली बेचती हैं जबकि कुछ कम्पनियों के दाम फ्लेक्सिबल है. ऐसे में फिक्स रेट वाली कंपनियों को लगता है कि इस नीलामी से दूसरी कंपनियों को बेजा फायदा मिल सकता है.
सरकार 8 और 11 मई को ये नीलामी करने जा रही है. फरवरी में जब नीलामी की गई थी तो उसे खराब रिस्पॉन्स मिला था.
कई डिस्कॉम कंपनियां पावर प्रोड्यूसर्स को लिख रहे हैं कि बिजली के उत्पादन को कम कीजिए. पावर कंपनियों को एक तो पहले ही डिस्कॉम से रकम नहीं मिल रही और ऊपर से उत्पादन घटाने का पत्र अलग से. ऐसे में पावर कंपनियों पर बोझ बढ़ गया है. इसलिए वे सरकार से राहत की मांग कर रही हैं.
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