आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस की 'न्याय' योजना के बारे में कहा है कि ये लागू करने योग्य है और इसे लागू करना संभव भी है. इसके साथ ही राजन ने इस बात की भी पुष्टि की कि कांग्रेस लीडरशिप ने उनसे ‘न्याय’ योजना के बारे में सलाह ली थी.
राजन बुधवार को मुंबई में अपनी किताब ‘द थर्ड पिलर’ के लॉन्च पर बोल रहे थे. राजन ने बताया कि उनकी ‘न्याय’ पर राहुल गांधी, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम से बात हुई थी.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने जयपुर में अपनी एक जनसभा में कहा था कि उन्होंने न्यूनतम आय गारंटी योजना यानी ‘न्याय’ के बारे में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन समेत बड़े अर्थशास्त्रियों से बात की है. इस योजना के तहत कांग्रेस ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को हर महीने 12 हजार की आमदनी तय करने का वादा किया है.
'न्याय' की आलोचना गलत: राजन
रघुराम राजन ने कहा कि इस योजना को लागू किया जा सकता है, बशर्ते मकसद सिर्फ पैसा देना नहीं होना चाहिए. कोशिश ये होनी चाहिए कि इससे एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार हो पाए, जिससे गरीबों को काम मिले.
राजन ने ये भी कहा कि कांग्रेस ने इसके लिए एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है. वो पायलट प्रोजेक्ट चलाएगी और कई फेज में इसे रोलआउट करेगी. बीजेपी ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर और कांग्रेस ने ‘न्याय’ योजना का ऐलान कर ये साबित किया है कि गरीबी दूर करने का एक तरीका कैश ट्रांसफर हो सकता है.
इस योजना पर सवाल उठाने वालों की आलोचना करते हुए राजन ने कहा कि ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि ऐसी योजनाओं से लोग काम करना छोड़ देंगे. राजन की राय है कि ये योजना लोगों को मजबूत बनाएगी और ग्रोथ भी बढ़ाएगी.
क्या अगले वित्तमंत्री के रूप में आएंगे राजन?
इस सवाल के जवाब में राजन ने कुछ भी साफ जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि वो काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं दे सकते. उन्होंने इतना जरूर कहा कि वो जहां हैं, वहां खुश हैं, लेकिन कोई सलाह मांगे, तो देने में उन्हें कोई गुरेज नहीं.
बता दें कि हाल ही में राजन ने भारत लौटने की इच्छा जताई थी. राजन 2013 से 2016 के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर थे. फिलहाल राजन यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ा रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)