रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने 5 सितंबर को अपनी नई किताब ‘आई डू व्हाट आई डू’ लॉन्च की. इस मौके पर उन्होंने ब्लूमबर्ग क्विंट के साथ देश की अर्थव्यवस्था, रिजर्व बैंक गवर्नर के रूप में अपने काम और बैंकों के एनपीए समेत कई मुद्दों पर राय रखी.
सितंबर 2013 से 2016 तक का उनका कार्यकाल कुछ विवादों के बीच समाप्त हुआ था. उनके कार्यकाल में कई बार उन्हें तारीफ मिली, तो कई बार आलोचना भी हुई. लेकिन कार्यकाल के अंत में उन्हें राजनीतिक हलकों से तीखी आलोचना और निजी हमले भी झेलने पड़े.
अपनी किताब में राजन ने लिखा है कि कैसे उन्होंने कई बार उन फैसलों को नकारा, जिनसे वो असहमत होते थे. राजन ने कहा कि उन्होंने सरकार को चेतावनी दी थी कि नोटबंदी से छोटी अवधि में होने वाले नुकसान लंबी अवधि के फायदों पर कहीं भारी पड़ेंगे.
देश में बढ़ते डूबे कर्जों पर
अपने कार्यकाल के दौरान डूबे कर्जों की दिक्कत को सामने लाने की कोशिशों पर राजन ने कहा, “लोग कहते हैं कि आरबीआई ने डूबे कर्ज की समस्या खड़ी की है. आरबीआई ने डूबे कर्ज नहीं बनाए हैं. आरबीआई ने बैंकों को बस इतना कहा कि आपको इसका पूरा हिसाब-किताब रखना पड़ेगा, ताकि आपके मालिक यानी सरकार को इस समस्या की गंभीरता समझ में आए. रेत में अपना सिर छिपा देने और फिर समस्या दूर होने की उम्मीद करने का शुतुरमुर्गी तरीका अब काम नहीं कर सकता.”
भारत की ग्रोथ में आई मंदी पर
राजन का मानना है कि पहली तिमाही में भारत की ग्रोथ के 5.7 फीसदी तक गिरने की कई वजहों में एक नोटबंदी भी है, हालांकि यही इकलौती वजह नहीं है.
पूर्व आरबीआई गवर्नर के लिए चिंता की पहली वजह है भारत में निजी निवेश की धीमी रफ्तार. राजन पूछते हैं, “शेयर बाजार में या निजी कंपनियों के एक्जिक्यूटिव्स के बयान में दिखने वाली तेजी कहां हैं? वो लोग निजी निवेश बढ़ा क्यों नहीं रहे?”
राजन के लिए देश के रुके पड़े प्रोजेक्ट भी चिंता की बड़ी वजह हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था को संगठित किए जाने पर
राजन का कहना है कि अर्थव्यवस्था को संगठित बनाने के अपने फायदे हैं, लेकिन इसके लिए बड़ी तैयारी की जरूरत होती है. रातों-रात ऐसा करने की कोशिश चीजों को काफी हद तक बिगाड़ सकती है और देश की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है. राजन का इशारा नरेंद्र मोदी सरकार के विमुद्रीकरण के कदम की तरफ था. “कई बार एक झटका कड़ा संदेश तो देता है, लेकिन आपको खुद से पूछना चाहिए कि ये किस कीमत पर?”
रघुराम राजन के साथ ब्लूमबर्ग क्विंट की इरा दुग्गल के साथ पूरी बातचीत आप नीचे सुन सकते हैं.
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