संकट में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व एमडी के. जॉय थॉमस ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैंक में जो कुछ भी हुआ वह फर्जीवाड़ा नहीं बल्कि टेक्निकल मामला है. आरबीआई ने बैंक पर बैन लगा दिया. वह चाहता तो हालात से बेहतर तरीके से निपट सकता था. उन्होंने कहा कि आरबीआई बैंक से एक लाख रुपये तक निकालने की इजाजत दे सकता है.
गुरुवार को आरबीआई ने बैंक से छह महीने में दस हजार रुपये निकालने की इजाजत दे दी थी. इससे पहले डिपोजिटरों को एक हजार रुपये निकालने की इजाजत दी गई थी. शुक्रवार को बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा
आरबीआई हालात से बेहतर ढंग से निपट सकता था. जो कुछ हुआ वो फ्रॉड नहीं था. यह टेक्निकल मामला था और हम इससे आसानी से निपट सकते थे. डिपोजिटरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता.
‘छह साल से एचडीआईएल को दिए गए कर्ज की रिपोर्टिंग नहीं हुई थी’
थॉमस ने कहा कि पोर्टफोलियो की क्लासिफिकेशन की वजह से पिछले छह साल में पीएमसी बैंक की ओर से दिए गए कर्ज की रिपोर्टिंग ही नहीं हुई. पिछले दिनों जो हालात बने उससे अच्छी तरह से निपटा जा सकता था.थॉमस ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त एसेट और सिक्योरिटीज हैं. थॉमस ने इस मामले के केंद्र में रही कंपनी एचडीआईएल का भी नाम लिया. उन्होंने कहा एचडीआईएल को छह साल में 2500 करोड़ रुपये दिए गए हैं. यह कंपनी बैंक के साथ 1989-90 से ही कारोबार कर रही है. पिछले छह साल से यह कंपनी कर्ज नहीं चुका पा रही थी.
पिछले दिनों पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस को सस्पेंड कर दिया गया था. पीएमसी बैंक को 2,500 करोड़ रुपये न चुकाने वाले एचडीआईएल को एक महीने पर फिर से लोन जारी कर दिया था. इस मामले के खुलासे के बाद आरबीआई ने पीएमसी बैंक से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाया था. पिछले दिनों आरबीआई के प्रतिबंध से इसके ग्राहकों में अफरातफरी फैल गई थी. बैंक ने पहले उन्हें 1000 रुपये निकालने की इजाजत दी थी. लेकिन बाद में इसे बढ़ा कर 10 हजार रुपये कर दिया गया.
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