रिलायंस जियो के आने के बाद से ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. दूसरी कंपनियों को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही थी. लेकिन अब एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो के तमाम ऑफर्स के बाद भी दूसरी टेलिकॉम ऑपरेटर कंपनियां मार्केट में अपनी मजबूती बनाए हुई हैं.
कोटक सिक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर लिमिटेड ने मार्केट में अपनी हिस्सेदारी मजबूत रखी है साथ ही नए एक्टिव कस्टमर्स को भी जोड़ा है.
कोटक सिक्योरिटी के मुताबिक-
ऐसे कस्टमर्स जिन्होंने जियो के ऑफर्स को देखते हुए सिम लिया है वो अपने मौजूदा सिम और नेटवर्क का भी इस्तेमाल करते रहेंगे.
एक्टिव कस्टमर्स के लिहाज से पीछे है जियो
बता दें कि मुकेश अंबानी की नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो ने पिछले साल सितंबर में फ्री सेवाओं की शुरुआत की थी. कंपनी के अब तक 10 करोड़ से ज्यादा कस्टमर्स बन चुके हैं, हालांकि एक्टिव कस्टमर्स के लिहाज से अब भी रिलायंस जियो, इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से नीचे ही है.
कोटक सिक्योरिटी के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस जियो के 73.6 फीसदी ही एक्टिव सब्सक्राइबर्स हैं वहीं इंडस्ट्री का औसत 86.8 फीसदी है.
धीमी हुई है जियो की ‘रफ्तार’
समीक्षकों के लिहाज से रिलायंस जियो दूसरी कंपनियों से ज्यादा तेजी से कस्टमर्स को जोड़ रही है, लेकिन देश में 4G मोबाइल की कमी के कारण ये रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है.
इंफोग्राफिक्स में आप देख सकते हैं कि कैसे पिछले साल सितंबर में शुरुआत के बाद से ही जियो की कस्टमर जोड़ने की रफ्तार में गिरावट देखने को मिल रही है.
रिलायंस जियो ने शुरुआत में खूब फ्री ऑफर्स दिए. कोटक सर्विसेज के मुताबिक, उस दौरान देश के 3 बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स (एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया) के कस्टमर जियो की तरफ आकर्षित हुए और कंपनी को प्रति यूजर के हिसाब से औसतन रेवेन्यू में नुकसान उठाना पड़ा.
लेकिन 1 अप्रैल से जियो ने चार्ज करना शुरू कर दिया, ऐसे में दूसरी कंपनियों को फिर से नुकसान की भरपाई और दोबारा उठने का मौका मिला है.
एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के रेवेन्यू में फाइनेंशियल ईयर 2016-17 की तीसरी तिमाही में हर यूजर के हिसाब से औसतन 7-9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ये गिरावट चौथी तिमाही में भी देखने को मिलेगी क्योंकि जियो ने मार्च 2017 तक अपनी फ्री सर्विस जारी रखी थी.
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