खुदरा महंगाई दर करीब पांच सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. मई के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) रीटेल महंगाई कम होकर 2.18 फीसदी पर रही. जबकि अप्रैल के दौरान रीटेल महंगाई 2.99 फीसदी के स्तर पर थी.
अर्बन और रूरल महंगाई दर की अलग-अलग बात करें तो दोनों में कमी दर्ज की गई है. अर्बन महंगाई घटकर 2.13 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में ये 3.03 फीसदी थी. वहीं रूरल महंगाई दर मई में 2.30 फीसदी के स्तर पर आ गई, जो अप्रैल में 3.02 फीसदी के स्तर पर थी.
- दाल की खुदरा महंगाई दर एक बार फिर घटी है. मई के महीने में इसमें 19.45 फीसदी की गिरावट हुई.
- सब्जियों की खुदरा महंगाई दर में 13.44 फीसदी की कमी हुई.
- हालांकि, चीनी के मामले में महंगाई बढ़ने का सिलसिला जारी है. यहां खुदरा महंगी दर करीब 10 फीसदी बढ़ी है.
मौसम विभाग की ओर से मॉनसून के औसत से बेहतर रहने का अनुमान जताए जाने के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि आगे भी महंगाई में कमी बनी रहेगी.
औद्योगिक उत्पादन में इजाफा
उत्पादन क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से देश के फैक्टरी उत्पादन में पिछले महीने 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो मार्च में 2.7 फीसदी थी. फरवरी में फैक्टरी उत्पादन में 1.9 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ अप्रैल में 2.6 फीसदी रही है. ये पिछले साल इसी महीने में 5.5 फीसदी थी.
इसी तरह माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 4.2 फीसदी रही जो पिछले साल इसी महीने में 6.7 फीसदी पर थी.
वहीं, पॉवर जेनरेशन सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है. ये इस साल अप्रैल में 5.4 फीसदी पर आई जो पिछले साल 14.4 फीसदी पर थी.
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