सलिल एस. पारिख दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के नए सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर होंगे. नए सीईओ का नाम सुझाने के लिए बनी कमेटी की सिफारिश पर सलिल की नियुक्ति हुई है. कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज में अपनी फाइलिंग में यह जानकारी दी है.
पांच साल के लिए मिली है जिम्मेदारी
सलिल इससे पहले केपजेमिनी समूह के एक्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य थे. 2000 में अर्नेस्ट एंड यंग के कंस्लटिंग डिवीजन के अधिग्रहण के बाद उन्होंने केपजेमिनी ज्वाइन की थी. इन्फोसिस की ओर से मीडिया को जारी बयान में कहा गया गया है कि पारेख को पांच साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है और वह अगले साल 2 जनवरी से पद संभालेंगे.
सलिल की सीईओ के तौर पर नियुक्ति के साथ ही कंपनी के अंतरिम सीईओ यू बी प्रवीण राव अब इसके सीओओ और होल टाइम डायरेक्टर बना दिए गए हैं .पारिख की नियुक्ति पर कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलकेणी ने कहा,
बिजनेस को नया रूप देने और सफल अधिग्रहण का उनका रिकॉर्ड शानदार है. बोर्ड का मानना है कि पारिख आईटी इंडस्ट्री में बदलाव के इस दौर में इन्फोसिस का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल मुफीद शख्स हैं.
नारायणमूर्ति से टकराव के बाद सिक्का ने छोड़ी थी इन्फोसिस
पारिख की नियुक्ति से भारत की दूसरी बड़ी सॉ़फ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस की सीईओ की चार महीने की तलाश पूरी हो गई है. कंपनी के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति से टकराव के बाद कंपनी के पुराने सीईओ विशाल सिक्का ने इस्तीफा दे दिया था.
नारायणमूर्ति ने सिक्का के सीईओ रहते इन्फोसिस के पनाया डील पर सवाल उठाए थे. उसके बाद चले टकराव के बाद सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी छोड़ दी थी. इसके बाद कंपनी के संस्थापकों में से एक नंदन नीलेकनी को इसका चेयरमैन बनाया गया. हालांकि नीलकेणी की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने कहा था कि पनाया डील में गड़बड़ी की शिकायत में कोई दम नहीं है.
इससे पहले विशाल सिक्का के सीईओ रहते बोर्ड और प्रमोटरों के बीच मतभेद ने तब नया मोड़ ले लिया था जब खबर आई थी कि कंपनी के सभी संस्थापक पूरा शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, इस खबर को सिक्का और संस्थापक नारायण मूर्ति, दोनों ने ही नकार दिया था. लेकिन इससे इन्फोसिस जैसी कंपनी के भविष्य पर सवाल तो खड़ा हुआ ही. इसे लेकर तमाम आशंकाएं जताई जाने लगी थीं.
इन्फोसिस के लिए संभावित सीईओ की तलाश के बीच बाहरी उम्मीदवारों के साथ ही कंपनी के अंतरिम सीईओ प्रवीण राव, सीएफओ रंगनाथ डी मविनकेरे, डिप्टी सीओओ रवि कुमार एस समेत कई नाम चले थे. लेकिन आखिर कंपनी के वेतन और नामांकन बोर्ड ने सीईओ के तौर पर सलिल पारिख के नाम पर मुहर लगा दी.आईटी सेक्टर के कई दिग्गजों ने पारिख को बेहतरीन चयन करार दिया है.
पीपुल मैनेजमेंट, स्ट्रेटजी पारिख की बड़ी ताकत है. वह अप्लीकेशन सर्विसेज के बारे में अच्छी तरह जानते हैं और उन्होंने कई ग्लोबल सर्विसेज का जिम्मा संभाला है. इन्फोसिस के माहौल में ढलने में पारिख को ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.सीपी गुरनानी, सीईओ टेक महिंद्रा
पारिख को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का अनुभव है. उन्हें ग्लोबल एक्सपोजर है. उनका यह अनुभव बहुत काम आएगा. इस नियुक्ति से वे मुद्दे ठंडे पड़ गए हैं, जिन्हें सिक्का छोड़ गए थे.आर चंद्रशेखर, प्रेसिडेंट, नैसकॉम
कौन हैं पारिख
केपजेमिनी के ग्रुप एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य
साल 2000 तक अर्नेस्ट एंड यंग में पार्टनर
कॉर्नेल यूनवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री
आईआईटी बांबे से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी टेक
विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने निवेशकों को भरोसा दिलाया था कि जल्द ही नए नेतृत्व में कंपनी पुराने रुतबे को हासिल कर लेगी और आईटी इंडस्ट्री के बदलते दौर में और ज्यादा चमक उठेगी.
(इनपुटः bloombergquint से)
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