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GDP तो धड़ाम हुई लेकिन GST,ऑटो और PMI के नंबर क्या संकेत दे रहे?

क्या कहते हैं सितंबर महीने के जीएसटी, ऑटो और मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े?

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2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े देख लोगों के होश उड़ गए. लेकिन ये तो बीत गया, क्या आगे का उजाला है? क्या कहते हैं सितंबर महीने के जीएसटी, ऑटो और मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े? क्या रिकवरी होती दिख रही है?

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ऑटो सेल्स में अच्छी रिकवरी

पहले बात करते हैं ऑटो बिक्री के आंकड़ों की. अगस्त में ऑटो बिक्री के आंकड़ों में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी देखने को मिली है. सारी दिग्गज कंपनियों जैसे मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प, महिंद्रा ट्रैक्टर्स की बिक्री में पिछले महीने के मुकाबले और पिछले साल के अगस्त महीने के मुकाबले, दोनों पैमानों पर काफी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है.

  • मारुति सुजुकी के अगस्त सेल्स आंकड़ों में सालाना तौर पर 17.1% और मासिक तौर पर 15.3% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. कंपनी की अब बिक्री बढ़कर 1,24,624 यूनिट हो गई है.

  • हीरो मोटोकॉर्प की अगस्त की सेल्स में 7.55% की तेजी देखने को मिली है और कंपनी ने 5,84,456 यूनिट व्हीकल बेचे हैं. वहीं पिछले साल कंपनी ने अगस्त महीने में 5,43,406 यूनिट बेचे थे. वहीं पिछले महीने यानि जुलाई में कंपनी ने 5,14,509 यूनिट बेचे थे. मतलब साफ है कि सेल्स नंबर रिकवरी के रास्ते पर हैं.

  • महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने अगस्त महीने में अब तक के इतिहास की सबसे अच्छी बिक्री दर्ज की है. कंपनी की बिक्री सालाना तौर पर 69% बढ़ी है और कंपनी ने कुल 25,503 यूनिट ट्रैक्टर्स की बिक्री की है. कंपनी ने अगस्त 2019 में 13,871 यूनिट की बिक्री की थी और जुलाई 2020 में कंपनी के 25,402 यूनिट बिके थे.

ऑटो बिक्री अभी हेल्दी इकनॉमी वाले लेवल पर नहीं पहुंची

हर महीने की शुरुआत में इकनॉमी को लेकर कुछ अहम डेटा आते हैं जो अर्थव्यवस्था की हालत को बयां करते हैं. जैसे अलग-अलग ऑटो कंपनियां अपने व्हीकल बिक्री के आंकड़े महीने की पहली तारीख को जारी करती हैं, जो बीते महीने में हुई बिक्री की जानकारी देते हैं. इसी तरह महीने के आखिर में ही GST कलेक्शन के आंकड़े आते हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार ने बीते महीने में कुल कितना इनडायरेक्ट टैक्स वसूल किया. हर महीने PMI के आंकड़े भी जारी होते हैं जो इकनॉमी में हो रही मैन्युफैक्चरिंग के ट्रेंड्स को बताते हैं.

ऑटो सेल्स के इतने अच्छे आंकड़े देखने के बाद कई लोगों का कहना है कि ऑटो सेल्स को देखकर लगता है कि सेक्टर अब फिर स अपनी पटरी पर लौट चुका है. लेकिन अगर अगस्त सेल्स की उस वक्त से तुलना करें जब इकनॉमी का हाल बढ़िया था तो सेल्स अभी भी उसकी तुलना में कम ही दिखाई देती है. हमने कुछ कंपनियों के अगस्त 2020 के डाटा की तुलना अगस्त 2017 से की है. 2017 वो साल था जब इकनॉमिक ग्रोथ अच्छे स्तरों पर थी.

मारुति सुजुकी सेल्स

अगस्त 2017 में मारुति की कुल व्हीकल बिक्री 163,701 यूनिट थी लेकिन अगस्त 2020 में ये करीब 24% घटकर 124,624 यूनिट हो गई है.

हीरो मोटोकॉर्प

अगस्त 2017 में मारुति की कुल व्हीकल बिक्री 6,78,797 यूनिट थी लेकिन अगस्त 2020 में ये करीब 13% घटकर 5,84,456 यूनिट हो गई है.

महिंद्रा ट्रेक्टर्स

अगस्त 2017 में मारुति की कुल व्हीकल बिक्री 16,516 यूनिट थी लेकिन अगस्त 2020 में ये करीब 54% बढ़कर यूनिट हो 25,503 हो गई है. ट्रैक्टर बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी की बड़ी वजह ये है कि पिछले साल की रबी की फसलें काफी अच्छी रहीं हैं इसलिए किसानों ने जमकर ट्रैक्टर खरीदे हैं.

GST : पिछले साल के मुकाबले 12% कम कलेक्शन

1 सितंबर को ही अगस्त महीने में हुए GST कलेक्शन के आंकड़े भी आ गए हैं. जो पिछले महीने के कलेक्शन से कम ही हैं. अगस्त में सरकार ने 86,449 करोड़ रुपये का जीएसटी वसूली की है. इसमें से 15,906 करोड़ रुपये सेंट्रल जीएसटी है, 21,064 करोड़ रुपये SGST है और वहीं 42,264 रुपये के IGST का कलेक्शन हुआ है. इसके अलावा सरकार ने 7,215 करोड़ रुपये का सेस कलेक्शन भी किया है.

अगर जुलाई महीने से तुलना करके देखें तो जीएसटी कलेक्शन में 1000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है. जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ था वहीं अगस्त में सरकार ने 86,449 करोड़ रुपये का जीएसटी वसूला है. पिछले साल से तुलना करें तो जीएसटी वसूली में करीब 12% की गिरावट देखने को मिली है.
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PMI के आंकड़ों में अच्छी रिकवरी

1 सितंबर को ही मैन्यूफैक्चरिंग PMI के आंकड़े आए हैं जो भारत की ग्रोथ में रिकवरी की गवाही दे रहे हैं. भारत का मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में 46 से बढ़कर 52 हो गया है. मार्च महीने के बाद ये पहली बार PMI का आंकड़ा 50 के पार गया है और ये इकनॉमी में रिकवरी के संकेत दे रहा है. PMI डाटा इकनॉमी में मैन्यूफैक्चरिंग के ट्रेंड्स को दिखाता है. PMI नंबर्स को 1 से लेकर 100 के बीच के अंकों में मापा जाता है. अगर ये आंकड़ा 50 के नीचे है तो ये इकनॉमी में कॉन्ट्रैक्शन को दिखाता है और अगर ये आंकड़ा 50 के ऊपर है तो ये इकनॉमी में बढ़ोतरी को दिखाता है.

  • जनवरी- 55.3

  • फरवरी- 54.5

  • मार्च- 51.8

  • अप्रैल- 27.4

  • मई- 30.8

  • जून- 47.8

  • जुलाई- 46

  • अगस्त- 52

आप देखेंगे कि पिछले कई महीनों से लगातार PMI में गिरावट आ रही थी लेकिन जिस अप्रैल महीन में सबसे सख्त लॉकडाउन लगा था तब PMI में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली थी. लेकिन जून महीने में जब लॉकडाउन में ढील दी गई अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई तो इस आंकड़े में सुधार दिखने लगा. अगस्त 2019 में PMI 51.4 थी लेकिन अब अगस्त 2020 में ये इससे भी ज्यादा बढ़कर 52 पर पहुंच गई है.

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