शेयर बाजार (Share Market) में इस समय दो तरीकों से खरीदारी और बिकवाली हो रही है. एक वो हैं जो लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के नतीजों को लेकर उत्साहित हैं और दूसरे वो जो चुनाव के संभावित नतीजों को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं. ऐसे में विदेशी निवेशक (FPIs) भारी बिकवाली कर साफ संदेश दे रहे हैं कि उनका विश्वास डगमगाया है.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) ने इस महीने (24 मई तक) भारतीय शेयरों से 22,047 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है.
दरअसल विदेशी निवेशक लंबे समय से निकसी कर रहे हैं. ये निकासी 2023 के दिसंबर से देखी जा रही है. हाल ही में लगातार विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं.
इससे पहले मॉरीशस के साथ भारत की टैक्स संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी को लेकर चिंता के बीच विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में भारतीय शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की थी. वहीं विदेशी निवेशकों ने मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
विदेशी निवेशकों की निकासी मुख्यत दो वजहों से हो रही है. भारत में आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे और चीन के बाजारों को बेहतर प्रदर्शन. चीन के बाजारों से अच्छे रिटर्न की अपेक्षा में विदेशी निवेशक चीन का रुख कर रहे हैं.
विदेशी निवेशक ये भी संकेत दे रहे हैं कि चुनाव के नतीजे बाजार की अपेक्षा बेहतर नहीं रहे तो पासा उलट सकता है. बाजार की राह बिगड़ सकती है.
वहीं मार्केट एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि भले ही चुनाव की वजह से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हों लेकिन जैसे ही चुनावी नतीजों को लेकर स्पष्टता दिखेगी तो विदेशी निवेशक वापस लौटेंगे और वे चुनावी नतीजों के बाद बाजार की तेजी का फायदा भी उठाना चाहेंगे.
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