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इंजीनियरिंग की डिग्री है लेकिन सपना कुछ और, तो फॉलो करें ये स्टेप

प्रोफेशन चेंज करने जा रहे हैं या करना चाहते हैं तो इन 3 प्रोफेशनल्स के आइडियाज आपके काम के लिए हैं

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इंजीनियरिंग की डिग्री है लेकिन सपना कुछ और, तो फॉलो करें ये स्टेप
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फिल्म थ्री इडियट्स का फरहान कुरैशी तो आपको याद होगा. अपने मेकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में घुटता हुआ फरहान, जिसे फोटोग्राफी से लगाव था और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता था. देश के तमाम इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और दफ्तरों में ऐसे कई फरहान कुरैशी हैं, जो खुद को गलत कोर्स या गलत जॉब में फंसा हुआ पाते हैं.

ऐसे में या तो वो बिना पैशन अपने मौजूदा प्रोफेशन को जारी रखते हैं या फिर बाद में अपने पैशन को ही प्रोफेशन बना लेते हैं.

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अगर आप भी प्रोफेशन चेंज करना चाहते हैं, तो हड़बड़ी में फैसला करने से पहले जानिए कि अपना प्रोफेशन बदलकर कुछ अलग कर रहे ये प्रोफेशनल क्या कहते हैं-

अगर कोई आइडिया फेल होता है, इसका मतलब ये नहीं कि हम फेल हुए हैं. मतलब ये है कि हमारे एक्शन फेल हुए हैं. गलतियों से सीखकर नए एक्शन लेने चाहिए
भास्कर सिंह , फाउंडर, जनता का मूड
अगर प्रोफेशन चेंज करना चाहते हैं या इसकी तैयारी में हैं तो पहले से ही फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू कर दें
पल्लवी सिंह, फाउंडर मैनेजर, पल्लवी लिंग्‍विस्‍ट‍िक्‍स सर्विसेज
पैसा जरूरी है, लेकिन वर्क-लाइफ बैंलेस के लिए जॉब सेटिसफेक्शन सबसे ज्यादा जरूरी, घबराइए नहीं पढ़ाई हमेशा कामम आती है
श्वेता भारद्वाज, न्यूमरोलॉजिस्ट
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दिल की सुनें, कॉन्फिडेंस हों, तो ही आगे बढ़ें

आईआईटी कानपुर से MSc (Integrated) इकनॉमिक्स की पढ़ाई कर चुके पटना के भास्कर सिंह जब 2012 में पासआउट होने वाले थे, तब वो कॉलेज के प्लेसमेंट में नहीं बैठे. भास्कर ने कॉलेज के दौरान ही मन बना लिया था कि उन्हें सोशल सेक्टर में एंटरप्रेन्योर बनना है.

लेकिन ये नहीं पता था कि ये शुरुआत होगी कैसे. उन्होंने पहले एक एनजीओ में काम किया. कुछ दिनों बाद वो दिल्ली की एक राजनीतिक पार्टी से बतौर सोशल एक्टिविस्ट जुड़े, कई कैंपेन चलाया और बाद में जनता का मूड नाम से सर्वे और पॉलिटिकल रिसर्च कंपनी शुरू की.

सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन साल 2015 बिहार चुनाव में भास्कर की कंपनी ने एक नेशनल न्यूज चैनल के साथ मिलकर सर्वे किया, जो सही साबित नहीं हुआ और नतीजों से काफी अलग था.

आप सोच सकते हैं कि एक नए स्टार्टअप के लिए ये कितना मुश्किल वक्त रहा होगा. हमें काम मिलने कम हो गए, 8 महीने का बड़ा डाउनटाइम था
भास्कर सिंह, जनता का मूड
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परिवार, दोस्तों का सपोर्ट बेहद जरूरी

भास्‍कर बताते हैं कि ऐसे में उनके दोस्तों ने उनका भरपूर सहयोग किया. जो दोस्त जिस सेक्टर में था, वहां से उन्हें कुछ न कुछ मदद जरूर मिली. आज भास्कर की कंपनी अच्छा कर रही है और उन्हें उम्मीद है कि आगे और अच्छा करेगी.

मैंने एक चीज का प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस किया है कि अगर कोई आइडिया फेल होता है, इसका मतलब ये नहीं कि हम फेल हुए हैं. मतलब ये है कि हमारे एक्शन फेल हुए हैं. गलतियों से सीखकर नए एक्शन लेने चाहिए
भास्कर सिंह
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पल्लवी सिंह, फाउंडर मैनेजर, पल्लवी लिंग्‍विस्‍ट‍िक्‍स सर्विसेज

2012 में इंजीनियरिंग पास कर चुकी पल्लवी सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. कॉलेज के 2 साल के दौरान ही उन्हें एहसास हो गया था कि इस प्रोफेशन में वो ज्यादा खुश नहीं रहने वाली हैं.

पासआउट होने के बाद उन्होंने सेलिब्रिटीज और फॉरेनर्स को हिंदी सिखाने का एक अलग-सा प्रोफेशन चुना और कंपनी बनाई-पल्लवी लिंग्‍विस्‍ट‍िक्‍स सर्विसेज.

आज पल्लवी की क्लाइंट लिस्ट में देश-विदेश की कई मशहूर हस्तियां हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस, लीजा रे कुछ ऐसे ही नाम हैं.
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फाइनेंशियल क्राइसिस से बचने की तैयारी कर लें

पल्लवी कहती हैं कि जो काम पसंद आए, वही करना चाहिए, लेकिन उसके लिए प्लानिंग जरूरी है. पल्लवी का मानना है कि जब आपको पता हो कि प्रोफेशन चेंज करना है, तो उसकी फाइनेंशियल तैयारी भी पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए.

मैं ग्रेजुएशन सेकेंड ईयर में ही समझ चुकी थी कि मुझे इंजीनियरिंग के प्रोफेशन में नहीं रहना. ऐसे में मैंने बतौर ट्यूटर काम करना शुरू कर दिया था
-पल्लवी सिंह
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श्वेता भारद्वाज,न्यूमरोलॉजिस्ट

पैसा जरूरी है, लेकिन जॉब सेटिसफेक्शन ज्यादा जरूरी

2012 में एमसीए (Master of Computer Application) पासआउट श्वेता की कहानी भी बिलकुल जुदा है. श्वेता ने अपना करियर बतौर टेक्निकल राइटर शुरू किया था. अब उन्होंने न्यूमरोलॉजी और एस्ट्रोलॉजी को बतौर करियर शुरू किया. श्वेता का मानना है कि आपको वही चीज करनी चाहिए, जिसमें आप सेटिसफेक्शन फील करते हैं.

कॉलेज के समय से ही शौकिया तौर पर श्वेता एस्ट्रोलॉजी की प्रैक्टिस किया करती थीं. उनके दोस्त-साथी भी कभी कैफेटिरिया में,, तो कभी क्लास में उनसे रीडिंग की जिद करते थे. नौकरी के दौरान भी ये सिलसिला चलता रहा. ऐसे में उन्हें ये पता चला गया कि उनकी हॉबी ही तो उनका पैशन है.

आपकी पढ़ाई हमेशा काम आती है

श्वेता ने अपनी खुद की कंपनी शुरू की है और प्रोफेशनल तरीके से अपना काम कर रही हैं. श्वेता का कहना है कि आप चाहे जिस प्रोफेशन में हों, आपका कोर्स और पढ़ाई हमेशा आपके काम आते हैं.

ऐसा काम जो हमेशा से अनकन्वेंशनल माना जाता रहा है, उसे मैं पूरी तरह से प्रोफेशनली कर रही हूं. मैंने जो टेक्नि‍कल स्टडी की है, उसका असर मेरे कम्यूनिकेशन में और एस्ट्रोलॉजी के स्‍टैट्स में काम आता है.
-श्वेता भारद्वाज
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ऐसे में ये प्रोफेशनल्स तो अपने नए प्रोफेशन से सेटिसफाइड और खुश हैं. लेकिन अगर आप एक नाव छोड़कर दूसरी नाव पर सवार होना चाहते हैं, तो इन लोगों की सलाह पर एक बार तो जरूर गौर करें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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