अर्थव्यस्था की सुस्ती के चलते ऑटो सेक्टर में मंदी का दौर जारी है. ऑटो सेक्टर के अलावा दूसरे कई सेक्टरों में भी मांग घटी है. अब मांग में कमी के कारण ऑटो कंपनियों ने भारत में निवेश से कदम पीछे खींचना शुरू कर दिए हैं. सुजुकी मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में कमी को देखते हुए क्षमता बढ़ाने के लिए नए प्लांट में निवेश की योजना टालने का फैसला किया है.
कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स, मार्केटिंग एंड आफ्टर सेल्स) देवाशीष हांडा ने कहा, ‘‘क्षमता बढ़ाने की योजना है लेकिन अभी तुरंत नहीं.’’
हमें एक नए प्लांट संयंत्र की जरूरत है लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि बीएस-4 के स्थान बीएस-6 के प्रदूषण मानक लागू होने के बाद बाजार कैसा व्यवहार करता है. ये बहुत अहम दौर है. हम इसके ऊपर नजर रख रहे हैं.देवाशीष हांडा, वाइस प्रेसिडेंट, सुजुकी मोटर इंडिया
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास अभी गुरुग्राम में दोपहिया वाहन बनाने का एक प्लांट है, जिसकी क्षमता सालाना 10 लाख वाहन है. कंपनी को इस साल भारत में घरेलू बाजार में करीब आठ लाख वाहन बेचने और एक लाख वाहन का निर्यात करने का अनुमान है.
कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा, ‘‘नए प्लांट पर निवेश निश्चित तौर पर किया जाएगा. अगर बाजार में नरमी नहीं आयी होती तो ये पहले ही हो जाता.’’
मंदी की मार, मारुति ने 2 दिन प्रोडक्शन रोका
मंदी की मार के चलते कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने गुरुग्राम और मानेसर प्लांट में दो दिन के लिए उत्पादन रोकने का फैसला किया है. मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने बताया कि वो 7 और 9 सितंबर को दो प्लांट में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन रोकने के फैसला लिया गया है.
बता दें कि मंदी के बीच मारुति सुजुकी ने अगस्त में अपना उत्पादन 33.99 फीसदी कम कर दिया था. कंपनी ने लगातार 7वें महीने अपना उत्पादन घटाया था.
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