आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आज मंगलवार को जीएसटी लागू होने को चुनौतीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सुधार से मोदी सरकार को उनकी सरकार के नेक्स्ट हाफ में फायदा मिल सकता है. क्योंकि इस टैक्स रिफॉर्म से बिजनेस सेंटीमेंट्स और अंतत: निवेश बढ़ेगा.
मौद्रिक नीति का वर्तमान स्वरूप और कंफर्टेबल लिक्विडिटी कंडीशंस आने वाले समय में जीएसटी को लेकर मांग की स्थितियों में एक अनुकूल माहौल देगी.रघुराम राजन, आरबीआई गवर्नर
रघुराम राजन ने मार्च तक मुद्रास्फीति लक्ष्य से उपर रहने के जोखिम का जिक्र करते हुए आज नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया, हालाकि उन्होंने आज यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक का नीतिगत रख उदार बना हुआ है..
मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा व्यवस्था में राजन के कार्यकाल की आज यह आखिरी बैठक थी. ज्यादातर विश्लेषकों ने वर्तमान आंतरिक व वाह्य परिस्थितियों को ध्यान में रख कर यही अनुमान लगाया था कि राजन नीतिगत ब्याज दर में फिलहाल बदलाव नहीं करेंगे. रिजर्व बैंक ने आगामी मार्च तक मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है.
रिजर्व बैंक के लिए इस वक्त रेपो दर अपरिवर्तित रखना और नीतिगत पहल की गुंजाइश के लिए अभी इंतजार करना उचित है. मौद्रिक नीति का रख उदार बना हुआ है और केंद्रीय बैंक धन की उपलब्धता के पर्याप्त प्रावधान पर जोर देता रहेगा.रघुराम राजन, चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की तीसरी द्वैमासिक समीक्षा का अंश
राजन ने ये भी कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति, सेवाओं की महंगाई और सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के असर के कारण जोखिम है कि मार्च 2017 तक खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य के ऊपर रह सकती है.
जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 22 महीने के उच्चतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई. आरबीआई ने कहा कि जोरदार बुवाई और मानसून की सकारात्मक प्रगति खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के लिए अच्छा संकेत है हालांकि दालों और अनाजों की कीमत बढ़ रही है.
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