दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल वॉरेन बफेट की बर्कशायर हैथवे भारत की मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम की पेरेंट फर्म वन97 कम्युनिकेशंस में करीब 4 फीसदी हिस्सा खरीद सकती है. अगर डील हो गई तो ये बफेट का भारत में पहला निवेश होगा.
ब्लूमबर्ग क्विंट के मुताबिक पेटीएम और हैथवे बर्कशायर के बीच कई महीनों से बातचीत चल रही थी. दोनों कंपनियों की तरफ से अभी कोई आधिकारिक एलान नहीं हुआ है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बफेट की कंपनी करीब 35 करोड़ डॉलर यानी 2500 करोड़ रुपये का निवेश पेटीएम में करने वाली है.बर्कशायर हैथवे पेटीएम में निवेश करने वाली कई बड़ी कंपनियों में से एक होगी.
पेटीएम में पहले से ही जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप, चीन के अलीबाबा ग्रुप और ऐंट फाइनेंशियल जैसी दुनिया की बड़ी कंपनियों का निवेश है.
बर्कशायर हैथवे का भारत के किसी स्टार्टअप में ये पहला सीधा निवेश होगा. बफेट की कंपनी हैथवे बर्कशायर का कई फाइनेंशियल कंपनियों में निवेश रहा है. कंपनी का गोल्डमैन सैक्स, अमेरिकन एक्सप्रेस, बैंक ऑफ अमेरिका और वेल्स फार्गो जैसी कंपनियों में हिस्सेदारी है.
बफेट पहले भी कर चुके हैं भारत में बिजनेस की कोशिश
दुनिया के सबसे बड़े निवेशक बफेट ने एक बार पहले भी भारत में आने की कोशिश की थी. 2011 में बफेट ने बर्कशायर इंडिया नाम से कंपनी स्थापित की थी जो बजाज अलायंस के साथ इंश्योरेंस बिजनेस में उतरी थी. लेकिन दो साल में ही बफेट ने कंपनी बंद कर दी जिसका कारण उन्होंने भारत में रेगुलेशन को बताया.
लगातार बढ़ रहा है PayTm
2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के एलान और देश में लगातार दिए जा रहे डिजिटल पेमेंट पर जोर का बड़ा फायदा विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम को पहुंचा है. कंपनी के मुताबिक पेटीएम ने हर महीने 4 अरब डॉलर की ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू पार कर ली है, वहीं जून तिमाही में एेप के जरिए 1.3 अरब ट्रांजैक्शन किए गए. 2016 में ब्लूमबर्ग क्विंट से बात करते हुए विजय शेखर शर्मा ने कहा था -
नोटबंदी के बाद हम अचानक एक जरूरत की चीज बन गएविजय शेखर शर्मा, फाउंडर, पेटीएम
भारत के टेक और डिजिटल बाजार में जहां एक तरफ ग्रोथ है तो वहीं दूसरी तरफ अनिश्चितता भी है. ऐसे में बफेट जैसे दिग्गज इनवेस्टर के आने से इस स्पेस को जाहिर है काफी मदद मिलेगी.
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