भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार, 26 अप्रैल को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी करने पर रोक लगा दी है.
इससे पहले आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक, IIFL फाइनेंस पर भी कड़ी कार्रवाई की थी. लेकिन आखिर RBI देश के अहम प्राइवेट सेक्टर बैंकों के खिलाफ यह कदम क्यों उठा रहा है?
कोटक महिंद्रा बैंक पर क्यों हुई कार्रवाई?
कोटक महिंद्रा बैंक पर IT नियमों की अनदेखी की वजह से कार्रवाई हुई है. RBI ने साल 2022 और 2023 में कोटक बैंक का IT एग्जामिनेशन किया था. इस दौरान RBI को बैंक की IT इन्वेंट्री मैनेजमेंट, पैच और चेंज मैनेजमेंट, यूजर एक्सेस मैनेजमेंट, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, डाटा सुरक्षा और डेटा लीक रोकथाम रणनीति सहित कई क्षेत्रों में गंभीर कमियां और गैर-अनुपालन देखने को मिला था. लगातार दो सालों तक बैंक के IT रिस्क और सूचना सुरक्षा प्रशासन के आकलन के बाद RBI ने कार्रवाई की है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड को तत्काल प्रभाव से अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है. हालांकि, बैंक अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों सहित अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा.
IIFL पर क्यों लिया सख्त एक्शन?
इस फैसले के एक महीने पहले आरबीआई ने IIFL फाइनेंस को नए ग्राहकों के लिए अपने गोल्ड लोन संचालन को तुरंत रोकने का निर्देश दिया था. गोल्ड लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन देने वाली कंपनी IIFLफाइनेंस का 31 मार्च, 2023 को निरीक्षण किया गया था. इस दौरान गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में अनियमितताएं नजर आने के बाद आरबीआई ने यह फैसला लिया था.
कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, IIFL का लोन कारोबार 77,444 करोड़ रुपये का है, जिसमें 32% यानी 20,733 हिस्सा सिर्फ गोल्ड लोन का है.
आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था,
"भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(ब) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए IIFL फाइनेंस लिमिटेड ("कंपनी") को तत्काल प्रभाव से, गोल्ड लोन मंजूर करने या चुकाने या अपने किसी भी गोल्ड लोन को असाइन करने/प्रतिभूतिकरण करने/ बेचने से रोकने का निर्देश देता है. हालांकि, कंपनी सामान्य कलेक्शन और रिकवरी प्रक्रियाओं के जरिए अपने मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की सेवा जारी रख सकता है."
हालांकि, आरबीआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह IIFL फाइनेंस का एक स्पेशल ऑडिट करेंगे. अगर उसमें कुछ सुधार नजर आता है तो वह इस प्रतिबंध को हटाने पर फिर विचार कर सकती है.
पेटीएम पर क्यों लगा प्रतिबंध?
RBI ने 31 जनवरी 2024 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सर्विस पर रोक लगा दी थी. केंद्रीय बैंक ने नियमों का पालन नहीं करने के चलते पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत यह कार्रवाई की थी. जिसके तहत 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उपकरण, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में डिपॉजिट या क्रेडिट लेनदेन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि, बाद में RBI ने ये सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी थी.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि पेटीएम पेमेंट बैंक पर ये सख्ती बैंकिग नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है. आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट बैंक ने लगातार नियमों की अनदेखी की है. आरबीआई ने ये भी कहा कि एक ऑडिट के बाद पता चला है कि पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर सुपरवाइजरी खामियां पाई गई हैं.
आरबीआई का पेटीएम बैंक पर यह पहला शिकंजा नहीं था. इससे पहले भी 11 मार्च, 2022 को RBI ने पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था.
RBI ने क्यों की कार्रवाई?
भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते दिनों कहा था कि उसने नियमों का सही से पालन नहीं करने पर बैंकों पर प्रतिबंध लगाया है. बैंकों द्वारा नियमों के उल्लंघन से साइबर सुरक्षा भी प्रभावित होती है जो सीधे तौर पर ग्राहकों के हित में नहीं है.
RBI इन फैसलों के जरिए बैंकों को अनुशासित करने के साथ ही ग्राहकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहता है. विश्लेषक एक और कारण गिनाते हुए बताते हैं कि आरबीआई और बैंकों के बीच गाइडलाइन को लेकर सहमति नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)