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दुनिया भर में मंदी की मार, लेकिन भारतीय शेयर बाजार गुलजार, क्या है वजह?

BSE Sensex: विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में दिलचस्पी कैसे बढ़ रही है?

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इन दिनों भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) लगातार ऊपर चढ़ रहे हैं, बीएसई सेंसेक्स ने 62 हजार के स्तर को पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है. आज भी शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 183.9 अंक चढ़कर 62,865.74 पर पहुंचा और निफ्टी 61.5 अंक बढ़कर 18,679.55 के आसापस कारोबार कर रहा है.

शेयर बाजार ऐसे समय में नए रिकॉर्ड बना रहा है, जब चीन में कोरोना को लेकर प्रतिबंध हैं, दुनिया में मंदी का खतरा बढ़ रहा है, कई कंपनियां बड़े स्तर पर छंटनी कर रही है. ऐसे में हम तीन सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे. शेयर मार्केट में लगातार क्यों बढ़ रहा है? विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में दिलचस्पी कैसे बढ़ रही है? और क्या शेयर मार्केट में बढ़ोतरी जारी रहेगी?

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शेयर मार्केट लगातार क्यों बढ़ रहा है?

मंदी के खतरे बीच भारतीय शेयर मार्केट में लगातार बढ़ोतरी के पीछे कई फैक्टर हैं जैसे अमेरिकी फेड की घोषणा कि वे अब ब्याज दरों में कर रहे बढ़ोतरी में नरमी लाएंगे. इसके अलावा वैश्विक बाजारों में हल्की बढ़ोतरी और गिरावट भी हल्की हो रही है, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गई थी. फिलहाल 84 डॉलर प्रति बैरल पर है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों ने भी भारतीय शेयर बाजारों में खूब निवेश किया है.

दुनिया भर में इक्विटी मार्केट में गिरावट के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार सुरक्षित मानते हुए इसमें निवेश हो रहा है. बाजार तेजी की वजह विदेशी निवेशकों का लौटना है, 25 नवंबर तक विदेशी निवेशकों ने 31,700 करोड़ रुपये बाजार में निवेश किए. साथ ही बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स भी मजबूत रहा. इसके अलावा, खुदरा निवेश में भी उछाल आया.
रचित चावला, सीईओ, फिनवे एफएससी
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विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में दिलचस्पी कैसे बढ़ रही है?

फिनवे एफएससी के सीईओ रचित चावला ने क्विंट हिंदी को बताया कि, भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों (FPI) में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिसका मुख्य कारण हाल की तिमाही में आए कंपनियों के मजबूत आकंड़े हैं, इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है कि आर्थिक सुधार होगा. साथ ही, सरकार की ओर से कई सुविधाजनक प्रोत्साहन दिए गए हैं (जैसे बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक बजट के दौरान सरकार आर्थिक गतिविधि को बल देने के लिए कुछ घोषणाएं करेगी) जो विदेशी निवेश को आकर्षित करते रहे हैं.

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क्या शेयर मार्केट में यह बढ़ोतरी जारी रहेगी?

लॉन्ग टर्म के संदर्भ में बात करते हुए रचित चावला बताते हैं कि, देश की जीडीपी 2031 तक दोगुनी से अधिक होने जा रही है और शेयर बाजार सालाना 11 प्रतिशत की दर से बढ़ने के लिए तैयार है. वैश्विक स्थिति चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार को देश की अर्थव्यवस्था के हालात ठीक लगते हैं.

भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति, सरकार द्वारा बुनियादी ढांचों में लाए जाने वाले बदलाव और लगातार बढ़ते विदेशी निवेशक बताते हैं कि आने वाले कम से कम कुछ वर्षों में बाजार में तेजी रहने का अनुमान है. बता दें कि, विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि बीएसई सेंसेक्स के दिसंबर 2023 तक 80,000 का स्तर छूने की उम्मीद है.

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