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कोविड वैक्सीन: लक्षद्वीप, हरियाणा और असम में सबसे ज्यादा बर्बादी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोविड के टीके के बर्बादी के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है.

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लक्षद्वीप, हरियाणा और असम ने 9 मई को लगातार दूसरे दिन इस संकट के बीच कोरोना वैक्सीन का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाले शीर्ष-10 राज्यों में अपना स्थान बनाए रखा. देश में कोविड -19 वैक्सीन की बढ़ती मांगों के बीच, प्रमुख इंजेक्शन की बर्बादी सरकार के लिए चिंता का विषय रहा है, जो रविवार को सुबह 8 बजे तक लक्षद्वीप में सबसे अधिक 22.74 प्रतिशत बर्बादी की रिपोर्ट है. केंद्र शासित प्रदेश में कथित तौर पर शनिवार सुबह 8 बजे तक 22 प्रतिशत कोविड के टीके बर्बाद कर दिए.

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लक्षद्वीप के बाद, हरियाणा में 6.65 प्रतिशत कोविड टीकों की बर्बादी के साथ दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जिसके बाद असम (6.07 प्रतिशत) है.

राजस्थान में कोविड के टीके का 5.50 प्रतिशत बर्बादी, पंजाब में 5.05 प्रतिशत और बिहार में कोविड के टीकों का 4.96 प्रतिशत बर्बादी दर्ज किया गया है. दादरा और नगर हवेली में (4.93), मेघालय (4.21 प्रतिशत), तमिलनाडु (3.94 प्रतिशत) और मणिपुर (3.56 प्रतिशत) कोविड टीका बर्बादी की सूचना दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोविड के टीके के बर्बादी के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया और तीन दिन पहले अपने ट्विटर के माध्यम से लोगों से अनुरोध किया कि “कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए वैक्सीन की बर्बादी को कम करें.”

मोदी ने वैक्सीन के बर्बादी को कम करने के लिए केरल की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों और नर्सों को टीके के बर्बादी को कम करने में एक उदाहरण के रूप में देखने के लिए अच्छा है।”

स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं के लिए 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी कोविड -19 टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था. देश ने टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण 1 मई को 18-44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए शुरू किया था.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्र ने अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 17.56 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक (17,56,20,810) प्रदान किए हैं. इसमें से बर्बादी सहित कुल खपत 16,83,78,796 खुराक है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोविड -19 वैक्सीन खुराक की कुल संख्या 16,94,39,663 है.

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