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'बार-बार कोविड के बूस्टर डोज इम्यूनिटी को कर सकते हैं कमजोर' - EMA

कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच कई देश नागरिकों को बूस्टर शॉट देने में तेजी ला रहे हैं.

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने चेतावनी दी है कि बार-बार बूस्टर शॉट उल्टा असर डाल सकते हैं और इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं.

एक प्रेस ब्रीफिंग में, यूरोपियन यूनियन (EU) ने कहा कि बार-बार बूस्टर शॉट संभव नहीं हो सकते और देशों को ठंड के मौसम की शुरुआत के मुताबिक बूस्टर शॉट्स को शेड्यूल करना चाहिए. इसके अलावा, EMA ने देशों को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन पॉलिसी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पता लगाने की सलाह दी.

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"बूस्टर एक या दो बार ले सकते हैं, लेकिन ये ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में हम सोच सकते हैं कि इसे लगातार दोहराया जाना चाहिए."
मार्को कैवलेरी, बायोलॉजिकल हेल्थ थ्रेट और वैक्सीन स्ट्रैटेजी की EMA प्रमुख

EMA की ये घोषणा ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच कई देशों के बूस्टर शॉट्स में तेजी के बीच आई है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और भारत समेत दुनिया के कई देश कोविड के नए वेरिएंट ओनिक्रॉन की गिरफ्त में हैं.

इजराइल ने पहले से ही 60 उम्र से अधिक उम्र के लोगों के लिए दूसरा बूस्टर या चौथा शॉट देना शुरू कर दिया है.

हालांकि, EMA ने स्पष्ट किया कि Paxlovid और Remdesivir जैसी ओरल और एंटीवायर दवाई, ओमिक्रॉन के खिलाफ अपनी प्रभावकारिता बनाए रखते हैं.

15 दिसंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत जल्द ही हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्ग के लिए कोविड बूस्टर शॉट्स देना शुरू करेगा. 10 जनवरी से भारत में वैक्सीन के बूस्टर डोज देने शुरू किए गए. वहीं, 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भी 3 जनवरी से वैक्सीन देने की शुरुआत हो चुकी है.

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