ADVERTISEMENTREMOVE AD

“भारत में कोविड से अब तक 12 लाख मौतों का अनुमान”- स्टडी

कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत में सरकारी आंकड़े जमीनी हकीकत से दूर हैं, और सही संख्या दर्ज नहीं हो रही है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत में कोरोना वायरस के सरकारी आंकड़ों और अनुमानित संख्या पर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है. डेटा साइंटिस्ट और मिशिगन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ भ्रमार मुखर्जी और कुछ एक्सपर्ट्स ने एक स्टडी की है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि भारत में कोरोना से अब तक 12 लाख जानें गई हैं. इसकी जानकारी उन्होंने कुछ ट्वीट्स में भी दी है. ये आर्टिकल (प्री-प्रिंट) medRxiv वेबसाइट पर पब्लिश हुआ है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ICMR, नेशनल सीरो सर्वे और पब्लिक में मौजूद डेटा की मदद से शोधकर्ताओं ने अलग-अलग मॉडल के जरिये ये जानने की कोशिश की कि भारत में कितने केस दर्ज नहीं किए गए हैं. पहली लहर (1 अप्रैल 2020 - 31 जनवरी 2021) और दूसरी लहर (1 फरवरी 2021 - 15 मई 2021) के दौरान केस और मौत के आंकड़ों के फर्क को नापा गया.

शोधकर्ताओं ने कहा कि दोनों वेव के अनुमानित आंकड़ों से ये पता चलता है कि भारत में बड़ी संख्या में ‘कवर्ट इंफेक्शन’, यानी कि ऐसे मामले हैं, जो सामने नहीं आए या रिपोर्ट नहीं किए गए. स्टडी से मालूम चलता है कि पहली वेव के मुकाबले, दूसरी वेव में अंडररिपोर्टेड केसों और मौतें की संख्या ज्यादा है.

करीब 50 करोड़ कोविड केस

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना की पहली लहर के दौरान करीब 1 करोड़ केस दर्ज किए गए थे, वहीं दूसरी लहर में 1.39 करोड़ के पास केस रिपोर्ट हुए.

डॉ मुखर्जी और साथी शोधकर्ताओं का अनुमान कहता है कि पहली लहर में 10 करोड़ से ज्यादा केस और दूसरी लहर में करीब 38 करोड़ केस थे. इस हिसाब से, दोनों आंकड़ों को मिला दें, तो भारत के 2.4 करोड़ के सरकारी आंकड़े से उलट, देश में 15 मई तक कोरोना के करीब 49.17 करोड़ केस थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड से 10 लाख से ज्यादा मौतें

भारत में 15 मई तक कोरोना वायरस से करीब 2.70 लाख मौतें दर्ज हुई थीं. वहीं, इससे उलट स्टडी दावा करती है कि इस तारीख तक 12 लाख से ज्यादा लोग कोविड से जान गंवा चुके थे.

स्टडी के मुताबिक, पहली लहर में करीब साढ़े 5 लाख मौतें, और दूसरी लहर में करीब 7 लाख मौतें हुई हैं, जिससे आंकड़ा 12 लाख पार कर जाता है. डॉ भ्रमार मुखर्जी ने कहा कि इस हिसाब से 9 में से केवल 2 मौतें रिपोर्ट हो रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सीरो सर्वे की कमी

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सीरो सर्वे एक अहम हथियार था, लेकिन दूसरी लहर में नया नेशनल सीरो सर्वे नहीं हुआ है. वहीं, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में अप्रैल में शुरू हुआ छठा सीरो सर्वे अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड के बढ़ते केसों की वजह से इसे रोक दिया गया था. सीरो सर्वे को 12 अप्रैल को शुरू किया गया था, और 25 अप्रैल तक इसके तहत 28 हजार सैंपल इकट्ठे किए जाने थे.

सीरो सर्वे में ब्लड सीरम का टेस्ट कर पता लगाया जाता है कि किसी इंफेक्शन के प्रति एंटीबॉडीज बनी हैं या नहीं. इससे न केवल संक्रमण की व्यापकता का पता लगता है, बल्कि इसकी रोकथाम में भी ये मदद करते हैं. जिलों और हाई-लो रिस्क ग्रुप्स में भी सीरो सर्वे से मदद मिलती है.

अधिकारी के मुताबिक, “सरकार ने करीब 11 हजार सैंपल कलेक्ट किए और 6-7 दिन बाद कोविड की स्थिति के कारण इसे रोक दिया गया. अब फैसला लिया जाना है कि सर्वे को जारी रखना है या जो सैंपल इकट्ठा किए हैं, उसी के आधार पर रिजल्ट जारी कर दें.”

फरवरी में आए ICMR के तीसरे नेशनल सीरो सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 10 साल से ऊपर की 21% आबादी कोरोना के संपर्क में आ चुकी थी. ये सर्वे 7 दिसंबर 2020 से 8 जनवरी 2021 के बीच, 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांवों में कराया गया था.

डॉ मुखर्जी के स्टडी में कहा गया है कि सीरो सर्वे की कमी के कारण, इसका रिजल्ट केवल पहली लहर के आंकड़ों को कैलकुलेट करने के लिए इस्तेमाल किया गया. डॉ मुखर्जी ने कहा कि सही अनुमान के लिए सीरो सर्वे और मॉर्टैलिटी डेटा की जरूरत है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

NYT ने भी लगाया था 6 लाख मौतों का अनुमान

अमेरिका के जाने-माने अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक स्टडी में दावा किया है कि मौत और संक्रमण के वास्तविक आंकड़े भारत सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं. स्टडी के मुताबिक, कम से कम भी मानें तो भारत में कोरोना से अबतक 6 लाख मौत और 40.42 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके है.

इस विश्लेषण में भारत में कोरोना संक्रमितों और मौतों के वास्तविक आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए भारत में कराए गए तीन नेशनल सीरो सर्वे के नतीजों का इस्तेमाल किया गया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×