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आखिरी शाही स्नान के बाद हरिद्वार में कर्फ्यू,लेकिन देर कर दी सरकार

कोरोना को नजरअंदाज कर आखिरी शाही स्नान खत्म होने का इंतजार कर रही थी तीरथ सिंह रावत सरकार 

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उत्तराखंड के हरिद्वार में अब आखिरकार कोरोना कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है. इसका लोगों को पहले से ही अंदेशा था, क्योंकि सरकार सिर्फ कुंभ के आखिरी स्नान की वजह से पाबंदियां नहीं लगा रही थी. लेकिन अब जैसे ही कुंभ का आखिरी स्नान खत्म हुआ, तो उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार समेत बाकी कुछ जगहों पर 3 मई तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाने की बात कही है.

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अखाड़ों ने किया समापन, लेकिन सरकार रही चुप

अब कोरोना कर्फ्यू तो लगाया गया है, लेकिन आते-आते काफी देर कर दी. देर इसलिए क्योंकि अब उत्तराखंड में रोजाना रिकॉर्ड कोरोना मामले सामने आ रहे हैं. वक्त रहते कोरोना को रोकने के लिए कोई भी कड़ा कदम नहीं उठाया गया. हालांकि इसके पीछे चुनाव से करीब 10 महीने पहले मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत की राजनीतिक मजबूरियां रहीं. उन्होंने कुर्सी संभालते ही कोरोना को नजरअंदाज कर कई घातक फैसले लिए, हालांकि कोरोना की रफ्तार को देखकर सीएम तो नहीं लेकिन पीएम जरूर घबरा गए और उन्होंने कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील कर डाली.

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हालांकि पीएम की अपील के बाद तमाम अखाड़ों ने खुद ही कुंभ समापन का ऐलान कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ समाप्ति का आधिकारिक ऐलान नहीं किया. सीएम को लगा कि ये तो सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी वाले हालात बन गए हैं. इसीलए अब कुछ भी बोलने से फायदा नहीं है. इसीलिए 27 अप्रैल (आखिरी शाही स्नान) का इंतजार होने लगा. लेकिन कोरोना इंतजार नहीं कर रहा था, कोरोना तेजी से बढ़ा और उत्तराखंड में अब तक के सबसे ज्यादा मामले सामने आने शुरू हो गए.
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अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो गया, जो सीएम रावत और उत्तराखंड की सरकार पर जानबूझकर देरी से जागने का आरोप लग रहा है. इसका सबसे सटीक जवाब ये है कि जब हरिद्वार में कुंभ शुरू हुआ था तो उत्तराखंड में 1 अप्रैल को 500 नए कोरोना मामले सामने आए थे. वहीं 2 लोगों की 24 घंटे में मौत हुई थी. लेकिन आज 27 अप्रैल को आखिरी शाही स्नान के दिन उत्तराखंड में कुल 5703 नए कोरोना मामले सामने आए हैं. वहीं 96 लोगों की एक ही दिन में कोरोना से मौत हुई है.

1 अप्रैल को कोरोना का हाल

कोरोना को नजरअंदाज कर आखिरी शाही स्नान खत्म होने का इंतजार कर रही थी तीरथ सिंह रावत सरकार 

27 अप्रैल को कोरोना केस

कोरोना को नजरअंदाज कर आखिरी शाही स्नान खत्म होने का इंतजार कर रही थी तीरथ सिंह रावत सरकार 
उत्तराखंड में 1 अप्रैल को 100911 कोरोना के मामले थे. वहीं 1719 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन आज 27 अप्रैल, जब सरकार ने कोरोना कर्फ्यू का ऐलान किया है, तब कुल कोरोना केस 162562 हैं और 2309 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. यानी पिछले 27 दिनों में 61 हजार से भी ज्यादा कोरोना के केस आए और 500 लोगों की मौत हुई.
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तो कुल मिलाकर आस्था के नाम पर शुरुआत से ही कोरोना को नजरअंदाज करने वाली तीरथ सिंह रावत सरकार ने इन 27 दिनों में राज्य के लोगों को एक बड़े खतरे के सामने खड़ा कर दिया है. क्योंकि आने वाले चुनावों में कुंभ फैक्टर काम आ सकता है, इसीलिए कोरोना नियमों में जानबूझकर ढील दी गई. जब अखाड़ों ने कुंभ समापन का ऐलान कर दिया था, तब भी कोरोना कर्फ्यू जैसी कोई बात नहीं की गई. अब जाकर शाही स्नान खत्म होने के बाद आखिरकार हरिद्वार, रुड़की, लक्सरस और भगवानपुर में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है.

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