बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने भी मंगलवार को पार्टी विरोधी कार्य करने वाले 15 नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुये 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, इससे पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बीजेपी ने नौ नेताओं को निष्कासित किया था.
जेडीयू के प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी विरोधी कार्य करने वाले 15 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
जद (यू) ने पार्टी के जिन नेताओं को निलंबित और निष्कासित किया है, उनमें डुमरंव के वर्तमान विधायक ददन सिंह यादव, पूर्व मंत्री रामेश्वर पासवान (सिकन्दरा) भगवान सिंह कुशवाहा (जगदीशपुर), पूर्व विधायक रणविजय सिंह, सुमित कुमार सिंह (चकाई) शामिल हैं.
इसके अलावा पार्टी ने महिला प्रकोष्ठ की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कंचन कुमारी गुप्ता (मुंगेर), अतिपिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी (ओबरा), युवा जदयू के पूर्व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार (बेलागंज), औरंगाबाद जिला जदयू के पूर्व संयोजक तजम्मुल खां (रफीगंज), पार्टी के रोहतास पूर्व जिलाध्यक्ष अमरेश चौधरी (निर्दलीय प्रत्याशी, नोखा), पार्टी के पूर्व जमुई जिलाध्यक्ष शिवशंकर चौधरी (सिकन्दरा), 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के पूर्व प्रत्याशी सिंधु पासवान (सिकन्दरा), करतार सिंह यादव (डुमरांव), बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के पार्टी प्रभारी राकेश रंजन और मुंगेरी पासवान (चेनारी) को भी निष्कासित किया है.
एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर की सहयोगी पार्टी बीजेपी ने सोमवार को अपने नौ बागी नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. इस चुनाव में बीजेपी, जेडीयू अन्य दो छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)