बीजेपी ने बिहार में अपने 9 बागी नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. पार्टी की ओर से जारी एक लेटर में कहा गया है, ‘‘आप लोग एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. इससे एनडीए के साथ-साथ पार्टी की छवि भी धूमिल हो रही है. यह पार्टी अनुशासन के खिलाफ है.''
जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, उनमें राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, उषा विद्यार्थी, रवींद्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, मृणाल शेखर और अजय प्रताप शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई नेता दूसरे दल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर गए हैं. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने बीजेपी के कई नेताओं को टिकट दिया है. इनमें बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राजेंद्र सिंह को एलजेपी ने दिनारा से टिकट दिया है, जबकि सासाराम से रामेश्वर चौरसिया को प्रत्याशी बनाया है.
एलजेपी ने पालीगंज से पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी और और झाझा से रवींद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. हाल ही में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. हालांकि, उन्होंने बीजेपी का समर्थन करने की बात कही थी.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पिछले दिनों कहा था कि वह बागी नेताओं से बात करने और उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे, अगर वे 12 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक वापस नहीं आते तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.
जायसवाल ने यह भी साफ किया था कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार हैं और जो उनका नेतृत्व स्वीकार करेगा, वही बिहार एनडीए में रहेगा.
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