नीतीश कुमार से मिले जेपी नड्डा
बिहार चुनाव की तैयारी जोरों पर हैं. इसी को देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे हैं. जेपी नड्डा ने बीजेपी की सहयोगी पार्टी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से आज मुलाकात की. दोनों की ये बैठक टिकट के बंटवारे और एनडीए में चल रही तनातनी को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. हालांकि नड्डा और नीतीश की मुलाकात में क्या बातें हुई इसे लेकर किसी भी पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन ये माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर चर्चा के साथ एलजेपी के चिराग पासवान की नाराजगी को लेकर भी चर्चा की गई.
चुनाव से पहले ये जेपी नड्डा का पहला बिहार दौरा है. जेपी नड्डा के साथ सीएम नीतीश से मुलाकात करने वालों में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल और जेडीयू नेता ललन सिंह शामिल थे.
बता दें कि एलजेपी नेता और एनडीए के साथी चिराग पासवान की पार्टी जेडीयू से नाराज है और उनके खिलाफ 143 उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है. ऐस में जेपी नड्डा और नीतीश की बैठक गठबंधन के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है.
तेजस्वी का नड्डा पर तंज- पहले बीजेपी तो आत्मनिर्भर बन जाए
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा टिकट के बंटवारे से लेकर चुनाव की तैयारी को लेकर दो दिन के बिहार दौरे पर हैं. नड्डा की मौजदूगी में बीजेपी ने आत्मनिर्भर बिहार अभियान की शुरुआत की है. अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस अभियान को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. तेजस्वी ने कहा,
“बीजेपी ने आत्मनिर्भर बिहार के बारे में बात की है, मैं उनको ये सलाह देना चाहूंगा कि बिहार में बीजेपी तो पहले आत्मनिर्भर हो जाए. 24 साल से अभी तक उधार के चेहरे पर निर्भर हैं.”
बता दें कि बिहार में बीजेपी 2015 को छोड़ पिछला 2 विधानसभा चुनाव जेडीयू के साथ मिलकर लड़ी है और जीती है. लेकिन जब 2015 में जेडीयू और बीजेपी अलग हुई तो बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. हालांकि 20 महीने में ही जेडीयू ने आरजेडी का साथ छोड़ वापस बीजेपी का हाथ थाम लिया था. फिलहाल जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं आरजेडी, कांग्रेस, आरएलएसपी एक साथ.
चिराग के मिजाज में नर्मी, कहा- नहीं देना चाहते किसी को टेंशन
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ( Chirag Paswan) के तेवर में नरमी देखने को मिल रही है. जहां अब तक चिराग पासवान नीतीश कुमार पर हमलावर थे वहीं अब चिराग के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं.
न्यूज 18 से बातचीत में चिराग ने कहा कि मैं किसी को टेंशन नहीं दे रहा, लोग क्यों तनाव ले रहे हैं मुझे समझ में नहीं आता, मैं सिर्फ अपनी बात रख रहा हूं. नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि एक बिहारी होने के नाते बिहार में जो समस्याएं हैं वो उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के सामने रखी हैं. चिराग पासवान ने कहा,
“अपनी चिंताओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा, लेकिन मेरी मंशा किसी को टेंशन देना नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गठबंधन का नेतृत्व करेंगे और बीजेपी जो भी फैसला करेगी मैं पूरी तरीके से उसके साथ हूं. मेरा अपूर्व विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में है. पीएम मोदी ही कारण है जो मैं गठबंधन का हिस्सा बना.”
चिराग ने जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी की तरफ से अलग-अलग तरह के बयान पर कहा कि मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन वो मुझसे नाराज हैं. अब वो बड़े हैं और उन्हें नाराजगी जताने का हक है.
RJD छोड़ने के बाद रघुवंश प्रसाद ने नीतीश को लिखी चिट्ठी
बिहार चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में हलचल तेज है. पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफा दे चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर 3 मांगें रखी हैं.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वैशाली गणतंत्र की जननी है. इसलिए वो 15 अगस्त को पटना में और 26 जनवरी को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने का फैसला करें. उन्होंने इसके लिए 2000 के पहले झारखंड बंटवारे का जिक्र करते हुए कहा है कि तब 26 जनवरी को रांची में झंडोत्तोलन होता था. इसके अलावे उन्होंने मनरेगा से जुडे़ कामों में भी कुछ बदलाव की मांग की है. साथ ही रघुवंश प्रसाद ने बुद्ध का पवित्र भिक्षापात्र अफगानिस्तान से वैशाली लाने की भी मांग रखी है.
बता दें कि रघुवंश प्रसाद ने लालू प्रसाद को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था, कर्पुरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षो तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं. उन्होंने पत्र में लोगों से माफी मांगते हुए आगे लिखा था, पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया, क्षमा करें.
जवाब में लालू प्रसाद ने पत्र में लिखा,
आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है. मुझे तो विश्वास ही नहीं होता. चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल-बैठकर ही विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हो जाएं, फिर बैठकर बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं. समझ लीजिए.
हालांकि रघुवंश प्रसाद सिंह के ने अब तक लालू यादव के चिट्ठी का कोई जवाब नहीं दिया है.
चुनाव से पहले आरजेडी-कांग्रेस को झटका, 3 विधायक जेडीयू में शामिल
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) से पहले महागठबंधन को एक के बाद एक बड़ा झटका लग रहा है. रघुवंश प्रसाद के आरजेडी (RJD) छोड़ने के बाद अब आरजेडी के राघोपुर से विधायक भोला राय जेडीयू में शामिल हो गए हैं. यही नहीं कांग्रेस विधायक सुदर्शन और पूर्णिमा यादव ने भी जेडीयू (JDU) की सदस्यता ले ली है. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के प्रवक्ता अभिषेक झा भी जेडीयू में शामिल हो गए हैं.
भोला राय पूर्व मंत्री और आरजेडी से तीन बार राघोपुर के विधायक रह चुके हैं. राघोपुर आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है. भोला राय लालू के करीबी माने जाते थे. उन्होंने 1995 में लालू यादव के लिए राघोपुर की सीट खाली की थी. लालू उसी सीट से चुनाव लड़े और जीते भी थे.
पूर्णिमा यादव नवादा से जेडीयू के विधायक कौशल यादव की पत्नी हैं. जब जेडीयू 2015 में महागठबंधन का हिस्सा बनी थी तब पूर्णिमा यादव को कांग्रेस से टिकट मिला था और वो गोविंदपुर सीट से जीती थीं.
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