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चिराग पासवान के समर्थन में तेजस्वी, कहा- ‘नीतीश ने की नाइंसाफी’

इससे पहले चिराग पासवान ने तेजस्वी को बताया था छोटा भाई

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बिहार चुनाव से ठीक पहले एलजेपी चीफ चिराग पासवान ने नीतीश के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जिससे इस विधानसभा चुनाव के सभी समीकरण बदल से गए हैं. कई चुनावी दिग्गज इसे बीजेपी के लिए फायदे का सौदा बता रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि चिराग पासवान अब कहीं न कहीं महागठबंधनको फायदा पहुंचाएंगे. इसी बीच अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मामले दिलचस्प बनाने की कोशिश की है. उन्होंने एलजेपी नेता चिराग पासवान के समर्थन में बयान दिया और कहा कि नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के साथ कुछ अच्छा नहीं किया.

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नीतीश कुमार ने चिराग के साथ अच्छा नहीं किया

इस चुनावी मौसम में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार प्रचार में व्यस्त हैं. इसी बीच जब उनसे पूछा गया कि क्या चिराग पासवान इस चुनाव में बड़ा फैक्टर साबित हो सकते हैं तो तेजस्वी ने कहा,

“चिराग पासवान जी के साथ नीतीश कुमार जी ने अच्छा नहीं किया. आज सबसे ज्यादा जरूरत चिराग पासवान जी को इस समय उनके पिता की होनी चाहिए थी. आज रामविलास पासवान जी नहीं हैं, जिसका हमें दुख है. लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार नीतीश कुमार जी का रहा, चिराग पासवान के प्रति, उनके साथ नाइंसाफी की गई है.”

अब तेजस्वी के इस बयान से मामला और भी ज्यादा दिलचस्प हो चुका है, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि तेजस्वी यादव जिस विधानसभा सीट राघोपुर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, उसी सीट पर चिराग पासवान ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जबकि इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है. बता दें कि चिराग पासवान ने नीतीश के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन बीजेपी को समर्थन देने का दावा भी किया था.

चिराग ने तेजस्वी को बताया था छोटा भाई

ऐसा नहीं है कि सिर्फ तेजस्वी ने ही चिराग पासवान की तरफ से बैटिंग की हो, इससे पहले चिराग पासवान भी तेजस्वी को अपने छोटे भाई की तरह बता चुके हैं. चिराग से जब सवाल पूछा गया कि क्या वो तेजस्वी यादव को बतौर सीएम उम्मीदवार देखते हैं, तो इस पर चिराग ने कहा था,

“वो मेरे छोटे भाई हैं. मैं अपनी तरफ से उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. लोकतंत्र में लोगों के पास जितने ज्यादा विकल्प हों, वही सही होता है. जनता को तय करने देते हैं कि वो किसे अपने नेता के तौर पर देखना चाहते हैं.”

इसीलिए अब किसी और के लिए तो पता नहीं, लेकिन नीतीश कुमार के लिए सत्ता के समीकरण उलझते हुए नजर आ रहे हैं. क्योंकि जिस तरह से बिहार के सियासी समीकरण बनते नजर आ रहे हैं, उससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू को नुकसान झेलना पड़ सकता है.

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