आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई जनाधार नहीं है. उन्होंने कहा कि असली मुकाबला उनकी पार्टी और बीजेपी के बीच है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तेजस्वी ने कहा, ''बिहार में, नीतीश कुमार का कोई जनाधार नहीं है. वह बिहार में अपने दम पर नहीं लड़ सकते. 1995 में जब समता पार्टी थी, वे केवल 7 सीटों तक सीमित थे. 2014 में, जब जेडीयू अपने दम पर लड़ी, तो उन्होंने केवल 2 सीटें जीतीं. बिहार में नीतीश कुमार कोई फैक्टर नहीं हैं. आरजेडी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है.''
तेजस्वी ने सोमवार को कहा, ‘’आज नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली है. 1 मार्च को, हमने बिहार के मुख्यमंत्री की असल रैली देखी थी. मुख्यमंत्री की तरफ से रैली के लिए सरकारी मशीनरी तैनात किए जाने के बाद भी इसे सुपर फ्लॉप रैली माना गया.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा,
- ''मैं कहना चाहता हूं कि बिहार युवाओं का राज्य है और हम नीतीश कुमार से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं. राज्य में 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री राज्य में पलायन, कुपोषण और बेरोजगारी को क्यों नहीं रोक पाए हैं? वह राज्य में उद्योग भी स्थापित नहीं करा पाए.''
- ''बिहार के 52 फीसदी लोग गरीबी में रहते हैं. बिहार में 46.6 फीसदी बेरोजगारी है. NCRB के अनुसार, बिहार में सबसे ज्यादा अपराध के आंकड़े हैं. बिहार के लोग इन मुद्दों पर जवाब चाहते हैं लेकिन नीतीश कुमार केवल उन पुराने मामलों पर बोलेंगे जिनकी आज तक कोई प्रासंगिकता नहीं है.''
सोमवार को होने वाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव का ट्वीट भी सामने आया है, जिसमें कहा गया है, ''15 वर्षों में क्या-क्या काम किया दिखाओ, वर्चुअल-फर्चुअल नहीं ऐक्चुअल में बताओ.''
बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होने वाला है. ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक बिहार में कोरोना वायरस महामारी के चलते चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला नहीं लिया है और राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे हैं.
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