पहली बार आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने मान लिया है कि नमो टीवी चैनल उसी का है. बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ये बात मानी है. याद दिला दें एबीपी न्यूज चैनल से इंटरव्यू के दौरान जब पीएम नरेंद्र मोदी से इस चैनल के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इस चैनल के बारे में कोई जानकारी होने से ही इनकार कर दिया था.
नमो टीवी नमो ऐप का एक फीचर है जिसे बीजेपी आईटी सेल चला रही है. पार्टी ने DTH पर स्लॉट ले रखे हैं.अमित मालवीय, हेड, बीजेपी आईटी सेल
मालवीय का बयान पीएम मोदी पर बनी बायोपिक पर बैन के बाद आया है. बता दें कि नमो टीवी पर चौबीस घंटे पीएम मोदी के भाषण और रैलियों की कवरेज दिखाई जाती है. ये चैनल 31 मार्च को लॉन्च हुआ है.
नमो टीवी बैन पर बोले अमित
मोदी बायोपिक पर रोक लगाने के अपने आदेश में आयोग ने कहा है, "किसी भी राजनीतिक पार्टी या उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति की जीवनी आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू रहने के दौरान सिनेमेटोग्राफ सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नहीं दिखाई जा सकती. इसके साथ ही आयोग ने किसी एक उम्मीदवार के पोस्टर या प्रचार सामग्री के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर दिखाने पर भी पाबंदी लगाई है. इस लिहाज से इसे नमो टीवी पर भी बैन का आदेश माना जा रहा है. जब इस बारे में अमित मालवीय से पूछा गया तो उन्होंने कहा - अभी तक हमें चुनाव आयोग का सर्कुलर नहीं मिला है, हम उसे देखेंगे फिर जवाब देंगे’
नमो टीवी पर विवाद
नमो टीवी किसी कानून के तहत नहीं चल रहा लेकिन ये किसी कानून का उल्लंघन भी नहीं कर रहा. दरअसल ये चैनल सैटेलाइट चैनलों की लिस्ट में नहीं है. इसे न्यूज नहीं विज्ञापन का चैनल बताया जा रहा है. इसलिए ये सैटेलाइट चैनलों के लिए बने कानून के तहत कवर नहीं होता. लेकिन इन तकनीकि बातों को दरकिनार कर दें तो ये शुद्ध रूप से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रहा है. अमित मालवीय ने अब माना है कि ये बीजेपी का ही चैनल है लेकिन टाटा स्काई ने पहले ही बताया था कि इस चैनल के लिए कंटेंट बीजेपी इंटरनेट के जरिए भेज रही है. ऐन चुनाव के वक्त चौबीस घंटे बीजेपी का प्रचार कर रहे इस चैनल के खिलाफ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इसके बाद आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से भी जवाब मांगा था.
पीएम मोदी ने नमो टीवी पर क्या कहा था
एबीपी न्यूज पर प्रसारित हुए पीएम नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू में नमो टीवी पर भी सवाल पूछा गया था। तब पीएम मोदी ने इस चैनल के बारे में जानकारी होने से मना किया था.
हां कुछ लोग चला रहे हैं, मैंने देखा नहीं है, मुझे समय कहां मिलता है. लेकिन इस चैनल से जुड़े विवादों पर एंकर्स ने कोई काउंटर सवाल नहीं किया.नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
कानून में दरारों का इस्तेमाल कर ऐन चुनावों के वक्त एक चैनल पर चौबीसों घंटे एक पार्टी का प्रचार नैतिकता के नजरिए से सही नहीं कहा जा सकता. इस चैनल के पीछे बीजेपी का हाथ है, शायद पार्टी ये बात जनता से छिपाना चाहती थी लेकिन अमित मालवीय के बयान के बाद सबकुछ जगजाहिर हो गया है.
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