लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election Result 2024) के नतीजे सामने हैं. NDA 292 सीटें जीतकर सरकार बनाने की तैयारी कर रही है, वहीं इंडिया गुट (INDIA Bloc) को 234 सीटें मिली हैं. चुनाव के दौरान और उससे पहले बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों के कुछ बड़बोले नेताओं ने अपने बयान के कारण खूब सुर्खियां बटोरीं. अब चुनाव परिणाम सामने हैं तो चलिए जानते हैं कि बयानों के लंबे-लंबे तीर चलाने वाले बयानवीर नेताओं का चुनाव में क्या प्रदर्शन रहा और उन्होंने क्या कहा था?
माधवी लता
तेलंगाना के हैदराबाद से बीजेपी की उम्मीदवार माधवी लता, जिन्हें पीएम मोदी ने भी सराहा और इनकी रैली सुर्खियों में रही. माधवी लता कट्टर हिंदुत्व का चेहरा मानी जाती हैं. उनका तीन तलाक पर बयान भी सुर्खियों में रहा.
माधवी लता ने असुद्दीन ओवैसी पर पलटवार करते हुए एक टीवी इंटरव्यू में कहा "उनके घरों के लड़कियों को बार-बार बेचा जाता है. मजहब का नाम लेकर ये लोगों को गुमराह करते हैं. अगर लोग दलाल बनकर मुसलमान लड़कियों को बेचते हैं तो ये लोकतंत्र में उनका कैसे हक बनता है."
इसके बाद, माधवी लता पर आरोप लगा कि जब उनकी रैली एक मस्जिद के सामने से निकल रही थी, तब उन्होंने एक विवादित इशारा किया, जिसके बाद उनके खिलाफ FIR भी हुई.
माधवी लता AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से 3,38,087 वोट मार्जिन से हार गईं. ओवैसी इस सीट से लगातार सांसद रहे हैं.
नवनीत राणा
महाराष्ट्र के अमरावती से बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा ने भी अपनी बयानबाजी से खूब सुर्खियां बटोरी. उनको भी हार का सामना करना पड़ा है.
नवनीत राणा की बड़बोलेपन की लंबी फेहरिस्त है...
8 मई को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन के बयान पर नवनीत राणा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा...
"अगर हैदराबाद में 15 सेकेंड के लिए पुलिस हटा लो तो पता नहीं चलेगा कि दोनों भाई कहां गए."
5 मई को चुनाव प्रचार करने गुजरात पहुंची राणा ने कहा "जिसे जय श्री राम नहीं कहना है तो वो पाकिस्तान जा सकता है. ये हिंदुस्तान है. अगर हिंदुस्तान में रहना है तो जय श्री राम कहना ही है."
2022 में नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद उनपर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा और केस दर्ज किया गया.
नवनीत राणा की हार को लेकर राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं नवनीत राणा के खिलाफ अमरावती में बीजेपी के कई नेता थे. वे राणा को टिकट मिलने पर नाखुश थे. महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा डेंट लगा है. इसी डेंट का शिकार राणा भी हुईं.
नवनीत राणा को कांग्रेस के बलवंत वानखेड़े से पटखनी मिली. वानखेड़े ने राणा को 19,731 वोट के मार्जिन से हरा दिया.
दिनेश लाल यादव 'निरहुआ'
यूपी के आजमगढ़ से दिनेश लाल निरहुआ को भी करारी हार का सामना करना पड़ा. निरहुआ बेरोजगारी को लेकर दिए बयान में बुरी तरह से फंस गए थे.
उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि बेरोजगारी तो वे लोग बढ़ा रहे हैं, जो बच्चा पैदा किए जा रहे हैं.
वायरल वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर कहा...
"बताइए मोदी जी या योगी जी का एक भी बच्चा है क्या... उन्होंने तो बेरोजगारी को रोक दिया कि बेरोजगारी नहीं बढ़ाएंगे, तो बेरोजगारी बढ़ा कौन रहा है, वो जो बच्चे पर बच्चे पैदा किए जा रहा है. सरकार कह रही है रुक जाओ तो मान भी नहीं रहा है"
2019 में चुनाव के दौरान निरहुआ से पूछा गया था कि आजमगढ़ से हार गए तो क्या करेंगे, जिसपर निरहुआ ने कहा था "सबसे पहले तो आपसे मैं ये बताता हूं कि मुझे हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ क्योंकि मैं स्वतंत्र आदमी हूं. मेरी विचारधारा स्वतंत्र है. किसी का गुलाम नहीं हूं"
अरविंद राजभर
ओम प्रकाश राजभर कभी योगी सरकार तो कभी विपक्ष पर बयान देने को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. उनका पीला गमछा वाला बयान भी खूब सुर्खियों में रहा. उनके बेटे भी बयानबाजी करते नजर आते हैं.
उनका महिला अपराध को लेकर दिया बयान भी खूब चर्चित हुआ था. उन्होंने कहा था 'जो भी महिलाओं या लड़कियों को गलत तरीके से छूने की कोशिश करेगा, मैं उसके हाथ काट दूंगा.'
इसके बाद उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा था कि ये गठबंधन सिर्फ पकौड़ी-चाय नाश्ता के लिए बनाई जा रही है, चुनाव आते-आते सब अलग-अलग होकर चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने गठबंधन में अखिलेश यादव की सक्रियता पर कहा
"अखिलेश यादव इसमें सक्रिय दिख रहे हैं. उनको कुछ हासिल नहीं होगा, समय अच्छा था कि समय रहते मैंने उनसे तलाक ले लिया."
यूपी में घोसी लोकसभा सीट से ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को भी करारी हार का सामना करना पड़ा. अरविंद समाजवादी पार्टी के राजीव राय से 1,62,943 वोट मार्जिन से हार गए. हार के बाद भी उन्होंने घोसी की जनता को धन्यवाद दिया है.
साध्वी निरंजना
साल 2014 में साध्वी निरंजना का बयान से सियासत में उबाल आ गया था. उनके बयान के कारण अरुण जेटल को संसद में माफी मांगनी पड़ी थी.
तत्कालीन केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रही साध्वी निरंजना ने अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा था "दिल्ली में या तो रामजादों (राम के पुत्रों) की सरकार बनेगी या फिर *** की.''
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में रहनेवाले सब राम की संतान हैं.
2023 में ज्ञानवापी मामले में अखिलेश यादव को घेरते हुए साध्वी निरंजना ने कहा था "कार सेवकों पर गोलियां चलवाने वालों को बोलने का अधिकार नहीं है. कोर्ट सबूत के आधार पर चलता है. किसी ऐसी मस्जिद के बारे में बताएं, जिसमें त्रिशूल, शंख, देवी-देवताओं के चित्र और स्वास्तिक बना हो. कोई भी मस्जिद ज्ञानवापी के नाम से नहीं हो सकती."
क्या रहा उनका चुनाव परिणाम?
फतेहपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने साध्वी निरंजना को टिकट दिया था. समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने दो बार की सांसद साध्वी निरंजना को 33 हजार 199 वोटों के अंतर से हराया.
संजीव बालियान
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से 2014 और 2019 से लगातार जीतते आए संजीव बालियान का नाम भी बड़बोलो में शामिल है.
सात साल पहले उन्होंने एक सभा में कहा था "अगर बीजेपी को वोट नहीं दोगे तो मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर घंटा नहीं बजेगा. कोई दूसरा प्रत्याशी जीतेगा तो विशेष समुदाय का इलाका खालापार का ही विकास करेगा. ऐसे में शिव चौक पर घंटा नहीं बजेगा.''
साल 2023 में CAA को लेकर संजीव बालियान ने मेरठ की एक सभा में कहा...
"मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो JNU और जामिया में देश के विरोध में नारे लगाते हैं, इनका इलाज एक ही है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी आरक्षण करवा दो, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ने की. कोई नारा नहीं लगा पाएगा. देश के खिलाफ नारा लगाने की फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी. ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भूमि है."
इस बार के चुनाव परिणाम की बात करें तो मुजफ्फरनगर सीट से केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान को SP के हरेंद्र मलिक ने 24672 मतों से हराया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)