Chhattisgarh assembly result 2023 Live Update : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व सीएम रमन सिंह से लेकर टीएस सिंह देव और अरुण साव जैसे कई बड़े नाम ऐसे हैं, जिनके किस्मत का फैसला जनता ने कर दिया है. छत्तीसगढ़ चुनाव के रिजल्ट आ गए हैं.
ऐसे में जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की VIP सीटों पर किसका क्या हाल है. कौन बाजी मारते दिख रहा है और कौन कितने वोटों से पिछड़ रहा है, इसकी पल-पल की अपडेट यहां से जानें...
Chhattisgarh Elections Result 2023: दिग्गजों का कैसा रहा प्रदर्शन?
भूपेश बघेल (पाटन)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पारंपरिक सीट पाटन से सातवीं बार किस्मत आजमाया. इस सीट पर चाचा-भतीजे की लड़ाई देखने को मिली. बीजेपी के प्रत्याशी बघेल के भतीजे विजय बघेल ने सीएम बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ा. जेसीसी ने इस सीट पर रणनीतिक रूप से अपने पार्टी प्रमुख और छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को मैदान में आगे किया.
रमन सिंह (राजनांदगांव)
बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कद्दावर नेता रमन सिंह छत्तीसगढ़ की राजनीति को पिछले दो दशक से प्रभावित करते आ रहे हैं.2003 में कांग्रेस के मजबूत होने के बाद भी रमन सिंह ने राज्य में बीजेपी को चुनाव जिताया और पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.रमन सिंह 2003 से 2018 तक लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे.2008 में पहली बार राजनांदगांव से चुनावी मैदान में उतरे और ये सीट उनका गढ़ बन गई. कांग्रेस ने रमन सिंह के जवाब में इस बार कांग्रेस के महासचिव गिरीश देवांगन को चुनावी मैदान में उतारा.
टीएस सिंह देव (अंबिकापुर)
कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार और वर्तमान उपमुख्यमंत्री टी.एस.सिंह देव ने सरगुजा जिले में अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र अंबिकापुर से चुनाव लड़ा. उन्होंने लगातार 3 बार इस सीट पर जीत दर्ज की. सरगुजा संभाग की करीब 14 सीटों पर इनका सीधा प्रभाव है. बीजेपी ने इसी सीट पर अपने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल को सिंह देव मुकाबले में खड़ा किया.
अनुज शर्मा (धरसींवा)
अभिनेता से नेता बने अनुज शर्मा को बीजेपी ने धरसीवा से चुनाव लड़ाया. अनुज शर्मा 2016 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य थे.इस सीट पर उनके प्रतिद्वंदी के तौर छत्तीसगढ़ कांग्रेस सचिव छाया वर्मा ने चुनावी ताल ठोकी.
मोहम्मद अकबर (कवर्धा )
कांग्रेस से चार बार के विधायक रहे मोहम्मद अकबर कबीरधाम ने जिले की कवर्धा सीट से चुनाव लड़ा. मोहम्मद अकबर ने 2018 के चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र से अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भारी जीत हासिल की थी.उनके खिलाफ बीजेपी ने विजय शर्मा को मैदान में उतारा.वहीं AAP ने भी यहां अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबला रोचक बना दिया.
अरुण साव (लोरमी)
छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने लोरमी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से थानेश्वर साहू उम्मीदवार ने उन्हें टक्कर दी.
कवासी लखमा (कोंटा)
छत्तीसगढ़ कैबिनेट मंत्री और आदिवासी नेता कवासी लखमा नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में अपनी पारंपरिक सीट कोंटा से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे.यहां से उन्होंने पांच बार जीत का सेहरा अपने सिर बांधा है. कोंटा में बीजेपी से धनीराम बारसे और कांग्रेस से मनीष कुंजम ने कवासी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे. यहां कांग्रेस, बीजेपी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के बीच मुकाबला रहा.
विष्णुदेव साय (कुनकुरी)
बीजेपी नेता विष्णुदेव साय पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं, जो लगातार 4 बार लोकसभा चुनाव में रायगढ़ सीट से जीतते आ रहे हैं.विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कांग्रेस विधायक यू.डी.मिंज के खिलाफ कुनकुरी सीट से चुनाव लड़ा.
छविंद्र कर्मा (दंतेवाड़ा)
दंतेवाड़ा एक नक्सल प्रभावी इलाका रहा है. छत्तीसगढ़ के पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा ने दंतेवाड़ा से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. यह सीट कभी उनके दिवंगत पिता के पास थी. बीजेपी के भीमा राम मंडावी इस सीट से 2018 में विधायक बने लेकिन नक्सली हमले में उनकी मौत के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए. जिसमें मंडावी की पत्नी देवती कर्मा ने जीत दर्ज की थी.इस चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर चैतराम अटामी पर दांव लगाया.
ओपी चौधरी (रायगढ़)
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में दो पूर्व IAS अधिकारियों को टिकट दिया, उनमें से एक ओपी चौधरी भी हैं. वे 2018 में ही पार्टी में शामिल हुए थे. पार्टी ने रायगढ़ सीट से चौधरी को कांग्रेस नेता प्रकाश शक्रजीत नायक के खिलाफ खड़ा किया.
विकास उपाध्याय (रायपुर सिटी वेस्ट)
कांग्रेस नेता और अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व महासचिव विकास उपाध्याय ने तीसरी बार रायपुर सिटी वेस्ट से अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के राजेश मूणत के खिलाफ चुनाव लड़ा. 2018 में इस सीट पर कड़ी टक्कर हुई थी,जिसमें उपाध्याय ने राजेश मूणत को हराया था.
ननकीराम कंवर (रामपुर)
छत्तीसगढ़ के रामपुर से बीजेपी के ननकीराम कंवर मौजूदा विधायक हैं. उन्होंने 2008 से 2013 के बीच छत्तीसगढ़ सरकार में गृह मंत्रालय संभाला और 90 के दशक की शुरुआत में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम किया है. रामपुर सीट पर उनका मुकाबला जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बालमुकुंद राठिया और कांग्रेस के फूल सिंह राठिया से हुआ.
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