बिहार की 40 लोकसभा सीटों के रुझान में एनडीए ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर बड़ी बढ़त बना ली है. शुरुआती रुझान के मुताबिक, इन 40 सीटों में से 35 से ज्यादा पर एनडीए बढ़त बनाए हुए है और गठबंधन को 5 से कम सीटें मिलती दिख रही हैं. साफ है कि मोदी-नीतीश की ये जुगलबंदी बिहार को पसंद आई है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 31 सीटें हासिल हुई थीं. लेकिन 2014 के चुनाव में जेडीयू, बीजेपी के साथ नहीं थी. पार्टी ने 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई. ताजा रुझानों में जेडीयू 15 सीटों पर आगे दिख रही है. मतलब ये है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ आकर कम से कम खुद की पार्टी के लिए कोई गलती नहीं की है.
हर हॉट सीट पर बीजेपी मार रही है बाजी
- इन चुनाव में बेगूसराय हॉट सीट माना जा रहा था. सीपीआई के उम्मीदवार कन्हैया के प्रचार के लिए देशभर से सिनेमा से जुड़े लोग, एक्टिविस्ट बिहार पहुंचे थे. लेकिन अब कन्हैया कुमार, बीजेपी के गिरिराज सिंह से काफी पीछे नजर आ रहे हैं.
- वहीं बीजेपी के बागी और अब कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच भी मुकाबला काफी टक्कर का माना जा रहा था. इस सीट से रविशंकर प्रसाद बढ़त बनाए हुआ हैं.
- पाटलिपुत्र से आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती शुरुआती रुझान में पीछे चल रही हैं. इस सीट से बीजेपी के रामकृपाल यादव आगे चल रहे हैं.
- दरभंगा से बीजेपी क गोपालजी ठाकुर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरजेडी के अब्दुलबारी सिद्दीकी से 9,000 मतों से आगे हैं. वहीं बांका में जेडीयू के गिरधारी यादव आरजेडी के जयप्रकाश यादव से करीब 1000 मतों से आगे हैं. गया (सु) लोकसभा क्षेत्र से आरजेडी के विजय कुमार मांझी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी से 4000 से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं.
- राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा दोनों सीटों काराकाट और उजियारपुर से पीछे चल रहे हैं.
- जन अधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन भी मधेपुरा से पिछड़ते हुए तीसरे नंबर पर चल रहे हैं.
- विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी भी खगड़िया से प्रारंभिक रूझानों में पिछड़ते जा रहे हैं.
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