गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण (Gujarat Election First Phase Voting) का मतदान खत्म हो गया है. पहले चरण में कच्छ-सौराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के 19 जिलों की 89 सीटों पर मतदान हुआ है. चुनाव आयोग के मुताबिक इस फेज में 60.20 प्रतिशत मतदान हुआ है जो बाद में कुछ बढ़ भी सकता है. लेकिन अभी तक के आंकड़ों को देखा जाये तो ये बहुत ज्यादा मतदान नहीं है. क्योंकि जिन 89 सीटों पर अभी मतदान हुआ वहां 2017 में 67.23 फीसदी मतदान हुआ था और इस बार अगर एक दो प्रतिशत वोट बढ़े तब भी उतना नहीं हो पाएगा.
पहले चरण में अब तक के आंकड़ो को देखें तो सबसे ज्यादा तापी जिले की निजार सीट पर 77.87 प्रतिशत मतदान हुआ है. जबकि सबसे कम कच्छ जिले की गांधीधाम सीट पर 39.89 फीसदी मतदान हुआ है.
कांग्रेस के लिए पहला चरण अहम क्यों?
जिन 89 सीटों पर मतदान हुआ है, ये वो सीटें हैं जहां कांग्रेस की परीक्षा होगी क्योंकि यही वो फेज था जहां वोट प्रतिशत के हिसाब से 2017 में कांग्रेस ने बीजेपी पर बढ़त हासिल की थी. अगर हम 2017 के विधानसभा चुनावों के नतीजे देखते हैं तो पता चलता है कि बीजेपी ने 48, कांग्रेस ने 38 और बीटीपी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. खास बात ये है कि सौराष्ट्र और कच्छ में 54 सीटें हैं जिनमें से कांग्रेस ने 28 और बीजी ने 20 सीटें जीती थी. इसके अलावा दक्षिण गुजरात क्षेत्र में 35 सीटें हैं जिनमें से बीजेपी ने 27 और कांग्रेस ने महज 8 सीटों जीत दर्ज की थी.
कौन किस पर भारी? सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों की जिन 89 सीटों पर मतदान हुआ है उनमें से 41 ग्रामीण और 17 शहरी इलाके की सीटें हैं. दक्षिण गुजरात को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है तो कांग्रेस 17 सीटों पर काफी मजबूत रही है. पहले चरण में 28 सीटें ऐसी भी हैं, जिनपर 2012 और 2017 के चुनावों में अलग-अलग पार्टियों को जीत मिली. इस तरह से 28 सीटों का ट्रेंड बदलता रहा है. ग्रामीण इलाके में कांग्रेस मजबूत रही है तो शहरों में बीजेपी काफी स्ट्रांग रही है.
कम मतदान का क्या मतलब? कम मतदान का क्या मतलब हो सकता है इसको लेकर क्विंट के पॉलिटिकल एडिटर आदित्य मेनन कहते हैं कि
पिछली बार गुजरात में करीब 69 फीसदी मतदान हुआ था और कच्छ में उससे थोड़ा कम वोटिंग हुई थी. इसका मतलब ये समझ में आता है कि कई लोग ये मानकर चल रहे हैं कि कुछ खास बदलाव होने वाला नहीं है. इसीलिए ये पूरा चुनाव भी ठंडा रहा है.
हालांकि इसका एक पहलू ये भी हो सकता है कि गुजरात में लंबे समय से बीजेपी है तो उसके सपोर्टर ही रिलेक्स मोड में आ गए हों. लेकिन इसकी उम्मीद काफी कम लगती है. क्योंकि गुजरात में बीजेपी का काडर बहुत मजबूत है तो अक्सर जैसा होता है कि कम वोट का फायदा सत्ताधारी पार्टी को होता है. इसमें भी उसकी ही उम्मीद ज्यादा लग रही है.
2017 में ज्यादा वोटिंग का कांग्रेस को मिला था फायदा! 2017 के विधानसभा चुनाव में 27 सीटें ऐसी थी जहां 70 प्रतिशत या उससे ज्यादा मतदान हुआ था. जिनमें से 14 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी ने ऐसी 11 सीटें जीती थी.
इस बार किन सीटों पर 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान? चुनाव आयोग के आंकड़ो के मुताबिक इस बार पहले चरण में पांच सीटें ऐसी हैं जिन पर 70 प्रतिशत या उससे ज्यादा मतदान हुआ है. सबसे ज्यादा निजार सीट पर 77.87% लोगों ने वोट डाला. झगडिया में 77.65%, कपराडा में 75.17%, डेडीआपाडा में 71.20%, महुआ में 71.36% और बंस्दा में 70.62% लोगों ने वोट डाला. हालांकि अभी फाइनल आंकड़ा आने के बाद कुछ बदलाव हो सकता है.
किस जिले में कितना मतदान?
नर्मदा में करीब 73 प्रतिशत
तापी में करीब 72 प्रतिशत
मोरबी में करीब 67 प्रतिशत
डांग में करीब 65 प्रतिशत
वलसाड में करीब 65 प्रतिशत
नवसारी में करीब 65 प्रतिशत
भरूच में करीब 63 प्रतिशत
सुरेंद्रनगर में करीब 60 प्रतिशत
गिर सोमनाथ में लगभग 60 प्रतिशत
द्वारका में करीब 59 प्रतिशत
सूरत में करीब 58 प्रतिशत
भावनगर में करीब 58 प्रतिशत
राजकोट में करीब 57 प्रतिशत
बटोड में करीब 57 प्रतिशत
कच्छ में करीब 56 प्रतिशत
जूनागढ़ में करीब 56 प्रतिशत
जामनगर में करीब 56 प्रतिशत
अमरेली में करीब 55 प्रतिशत
पोरबंदर में करीब 53 प्रतिशत
अब 93 सीटों पर दूसरे चरण में 5 दिसंबर को मतदान होना है. और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. गुजरात के साथ ही हिमाचल चुनाव के नतीजे भी आएंगे. गुजरात में बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत है.
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