लोकसभा चुनाव 2019 के वोटों की गिनती जारी है. अंतिम नतीजे जारी होने में कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं. लोगों में ये जानने की उत्सुकता है कि देश का अगला प्रधानमंत्री काैन होगा. इसी बीच हम आपको भारत के प्रधानमंत्रियों के बारे में कुछ जानकारी दे रहे हैं. तो आइए अब तक के प्रधानमंत्रियों पर एक नजर डालते हैं.
पंडित जवाहरलाल नेहरू
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू थे. नेहरू का कार्यकाल 15 अगस्त 1947 से, 27 मई 1964 तक, 16 साल रहा. इस तरह उन्होंने 16 साल 286 दिनों तक बतौर प्रधानमंत्री देश की सेवा की.
नेहरू ने आधुनिक मूल्यों और सोच को लेकर आधुनिक भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह एक समाज सुधारक थे. इस संबंध में उनके प्रमुख कार्यों में से एक कार्य प्राचीन हिंदू नागरिक संहिता में सुधार करना था.
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल 9 जून 1964 से, 11 जनवरी 1966 तक रहा. उन्होंने 1 साल और 216 दिन बतौर प्रधानमंत्री देश सेवा की. ये महात्मा गांधी के निष्ठावान अनुयायी थे और उन्होंने 'जय जवान-जय किसान' जैसे लोकप्रिय नारों पर जोर दिया. उन्होंने भारत में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए 'श्वेत क्रांति' को बढ़ावा दिया था.
इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी का कार्यकाल 24 जनवरी 1966 से, 24 मार्च 1977 तक रहा. उन्होंने11 साल और 59 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
इसके बाद उनका कार्यकाल 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984 तक, 4 साल और 291 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. इतना ही नहीं, वह दुनिया में सबसे लंबे कार्यकाल वाली महिला प्रधानमंत्री थीं. उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया.
मोरारजी देसाई
मोरारजी देसाई का कार्यकाल 24 मार्च 1977 से, 28 जुलाई 1979 तक, 2 साल 126 दिन रहा. मोरारजी देसाई भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, वे जनता पार्टी के नेता थे. उन्होंने और उनके मंत्रियों ने औपचारिक रूप से आपातकाल की स्थिति को समाप्त किया था.
चरण सिंह
चरण सिंह का कार्यकाल 28 जुलाई 1979 से, 14 जनवरी 1980 तक रहा और 170 दिनों के लिए सेवा प्रदान की. चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने जमींदारी प्रणाली को हटाकर, भूमि सुधार अधिनियमों को लागू किया.
राजीव गांधी
राजीव गांधी का कार्यकाल 31 अक्टूबर 1984 से, 2 दिसंबर 1989 तक, 5 साल 32 दिन रहा. जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उनकी उम्र सिर्फ 40 साल ही थी. उन्होंने कंप्यूटर को भारत में लाने में प्रमुख भूमिका निभाई और भारतीय प्रशासन का आधुनिकीकरण किया.
वी.पी. सिंह
वी.पी सिंह का कार्यकाल – 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक रहा. उन्होंने 343 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
वीपी सिंह ने देश में गरीबों की स्थिति में सुधार करने के लिए काम किया. सिंह जनता दल पार्टी के नेता थे.
चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का कार्यकाल – 10 नवंबर 1990 से, 21 जून 1991 तक रहा. उन्होंने 223 दिनों तक बतौर प्रधानमंत्री देश की सेवा की. चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी के नेता थे.
पी.वी. नरसिम्हा राव
पी.वी. नरसिम्हा राव का कार्यकाल 21 जून 1991 से, 16 मई 1996 तक रहा. इस तरह उन्होंने 4 साल और 330 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
कांग्रेस पार्टी के नेता पी.वी. नरसिम्हा राव सबसे सक्षम प्रशासकों में से एक थे. उन्होंने प्रमुख आर्थिक सुधार किए. सिंह ने 'लाइसेंस राज' खत्म कर राजीव गांधी सरकार की समाजवादी नीतियों को पलट दिया. उनकी विशेष क्षमता के कारण ही उन्हें चाणक्य भी कहा जाता था.
अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल पहले तो 16 मई 1996 से, 1 जून 1996 तक ही रहा. ऐसे में उनका पहला कार्यकाल सिर्फ 16 दिन का रहा.
इसके बाद उनका दूसरा कार्यकाल 19 मार्च 1998 से, 22 मई 2004 तक रहा. उन्होंने 6 साल और 64 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान भारत में मुद्रास्फीति बहुत कम थी. उन्होंने आर्थिक सुधारों और विशेषकर ग्रामीण भारत की नीतियों पर काम किया. उनके कार्यकाल में दूरसंचार उद्योग में भी काफी उन्नति हुई.
एच.डी.देवगौड़ा
एच.डी.देवगौड़ा का कार्यकाल – 1 जून 1996 से, 21 अप्रैल 1997 तक रहा. ऐसे में उन्होंने 324 दिनों के लिए सेवा प्रदान की. अपने कार्यकाल के दौरान देवगौड़ा ने गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम और रसायन, शहरी रोजगार, खाद्य प्रसंस्करण, कार्मिक कई मंत्रालयों पर अतिरिक्त कर भी लगाए.
इंदर कुमार गुजराल
आई.के.गुजराल का कार्यकाल 21 अप्रैल 1997 से, 19 मार्च 1998 तक चला. उन्होंने 332 दिनों के लिए सेवा प्रदान की.
आई.के.गुजराल ने सीटीबीटी (व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करने का प्रतिरोध किया था. प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य था. पोखरण परमाणु परीक्षणों का संचालन करने के लिए यह एक स्पष्ट तरीका था. उन्होंने गुजराल सिद्धांत के रूप में जाना जाने वाला पांच सूत्री सिद्धांत दिया.
मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 से, 26 मई 2014 तक सेवा प्रदान की. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में सार्वजनिक कंपनियों के साथ-साथ बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सुधार किए गए. उनकी सरकार ने वेल्यू एडेड टैक्स (वैट) लागू किया. उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन भी शुरू हुआ था.
नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी मई 2014 से प्रधानमंत्री के पद पर हैं. नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने 26 मई, 2014 को भारत के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में अपना पद ग्रहण किया. 2014 में अपने कार्यकाल की शुरुआत के बाद से, उन्होंने जन धन योजना, स्वच्छ भारत अभियान जैसी कई नीतियों को लागू किया.
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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए वोटों पर गिनती हो रही है. कुछ समय में भारत के अगले प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी.
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