"नई हवा है, सपा सफा है" कहने वाले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट बमुश्किल जीतते दिख रहे हैं. रुझानों के मुताबिक केशव फिलहाल सिर्फ 900 वोट से आगे चल रहे हैं. एसपी की पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) उन्हें तगड़ी चुनौती दे रही हैं. केशव सिर्फ 0.28% मतों से आगे हैं.
सिराथू में क्यों मौर्य को दिक्कत?
सिराथू में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ एसपी ने पल्लवी पटेल को टिकट देकर बड़ा दांव खेला था. तो वहीं बीएसपी के मुंसब अली उस्मानी के आने से मुकाबला और रोचक हो गया. सिराथू के सियासी समीकरण को देखते हुए कुर्मी वोट एसपी के पक्ष में एकजुट दिखता है. जिसका फायदा पल्लवी पटेल को मिला है. तो इसकी वजह से केशव की सियासी राह मुश्किल हो गई है.
पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) खुद को कौशांबी की बहू बताती हैं. उनके पति पंकज निरंजन इसी जिले के निवासी हैं. केशव प्रसाद मौर्य की जन्मभूमि भी कौशांबी है. ऐसे में सिराथू का मुकाबला बहू बनाम बेटा का था.
हालांकि केशव प्रसाद मौर्य जीत के दावे कर रहे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, "सिराथू में भारी अंतर से कमल खिलेगा."
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को सिराथू विधानसभा क्षेत्र में कई बार विरोध कर सामना करना पड़ा है. चलिए आपको बताते हैं कब और क्यों निशाने पर केशव प्रसाद मौर्य आए.
ससुराल में सुविधाएं देने पर घिरे
केशव प्रसाद मौर्य को सबसे पहले पत्नी की वजह से विरोध का सामना करना पड़ा. सिराथू के खूझा गांव में उनका सुसराल है. यहां के लोगों ने उनपर विकास में भेदभाव का आरोप लगाया है. केशव ने नाम पर वोट मांगे पहुंचे बीजेपी के MLC सुरेंद्र चौधरी को ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई थी.
राजीव मौर्य की गुमशुदगी पर विरोध
उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार केशव मौर्य जब अपने विधानसभा क्षेत्र सिराथू पहुंचे थे तभी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था. राजीव मौर्य कौशांबी के जिला पंचायत सदस्य पूनम मौर्य से मिलने गए हुए थे.लेकिन वहां केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई थी जिसके बाद जिला पंचायत सदस्य पूनम मौर्य ने डिप्टी सीएम से माफी मांगी थी.
मुआवजा नहीं मिलने पर खोला मोर्चा
हाईवे प्रोजेक्ट मामले में जिन लोगों की जमीन गई थी उसका मुआवजा नहीं मिलने पर भी केशव मौर्य के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्य नहीं होने पर आक्रोश देखने को मिला था.
सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य का प्रदर्शन
केशव प्रसाद मौर्या ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत सिराथू विधानसभा सीट से ही की थी. 2012 में विधायक बने थे. 2014 में सांसद बनने के लिए सिराथू सीट छोड़ दी थी. इससे पहले प्रयागराज के शहर पश्चिमी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़े पर जीत हासिल नहीं हुई.
अब दूसरी बार केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से मैदान में हैं. जहां एसपी की पल्लवी पटेल से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है.
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