लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे गुरुवार को सबके सामने होंगे. नतीजों से पहले कई एजेंसियों और चैनलों ने एग्जिट पोल के जरिए एक धुंधली तस्वीर पेश करने की कोशिश की है. जिसमें बीजेपी नीत एनडीए को बहुमत मिलता हुआ नजर आ रहा है. लेकिन असली तस्वीर नतीजों के बाद ही साफ होगी. यहां जानिए काउंटिंग डे से जुड़े हर सवाल का जवाब.
कब शुरू होगी वोटों की गिनती
गुरुवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती शुरू होगी. सुबह 8 बजे से ईवीएम मशीनों में बंद वोटों की गिनती शुरू होगी. वोटों की गिनती के साथ ही वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती होगी. जिसके बाद अंतिम नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
इस बार लोकसभा चुनाव की कुल 542 सीटों पर मतदान हुआ है. कुल 8 हजार उम्मीदवारों ने चुनाव में हिस्सा लिया. इस लोकसभा चुनाव में 90 करोड़ मतदाताओं के पास वोट डालने का अधिकार था. जो पिछले लोकसभा चुनाव से 9 करोड़ ज्यादा है. 13 करोड़ वोटर्स को पहली बार वोट डालने का अधिकार मिला.
कैसे होगी वोटों की गिनती?
- लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती के क्रम में सबसे पहले पोस्टल बैलेट पेपर से शुरुआत होगी
- पोस्टल बैलेट के बाद बाद ईवीएम से वोटों की काउंटिंग शुरू होगी
- सभी वोटों की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर की निगरानी में शुरू होगी
- गिनती के दौरान कोई भी बैलेट पेपर गायब मिलने पर रिटर्निंग ऑफिसर तुरंत चुनाव आयोग को सूचित करेगा
- हर विधानसभा से पांच पोलिंग बूथों की ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाएगा
- नतीजे ठीक होते हैं और इनमें किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिलती तो काउंटिंग के बाद अंतिम नतीजे घोषित किए जाएंगे
- काउंटिंग शुरू होने से पहले रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में सभी ईवीएम की जांच की जाएगी
मौजूद रहेंगे काउंटिंग एजेंट
चुनावी नतीजों की काउंटिंग के दौरान यहां सभी उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंट भी मौजूद रहेंगे. काउंटिंग की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए ये इलेक्शन एजेंट और काउंटिंग एजेंट यहां मौजूद होंगे. उम्मीदवारों को ये अधिकार है कि वो खुद भी अपने काउंटिंग एजेंट के साथ सेंटर पर मौजूद रह सकते हैं.
ईवीएम सुरक्षा के नियम
वोटिंग से पहले सभी दलों की एक ही चिंता होती है कि ईवीएम के साथ कुछ गड़बड़ न हो. इसीलिए सभी पार्टियों के एजेंट स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तैनात रहते हैं. लेकिन ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग ने भी कुछ नियम बनाए हैं.
- वोटिंग मशीनें पूरी सुरक्षा के स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचाई जाएंगी और उनकी 24X7 निगरानी होगी.
- स्ट्रॉन्ग रूम की सीलिंग के वक्त राज्य और केंद्र की मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नुमाइंदे मौजूद रहेंगे. वो चाहें तो अपनी सील भी स्ट्रॉन्ग रूम के ताले पर लगा सकते हैं.
- स्ट्रॉन्ग रूम डबल लॉक सिस्टम वाला होना चाहिए जिसका सिर्फ एक एंट्री प्वाइंट हो.
- स्ट्रॉन्ग रूम की खिड़कियों तक को सील किया जाएगा ताकि कोई उसमें घुस ना सके.
- एंट्री प्वाइंट की चौबीस घंटे सीसीटीवी कवरेज होगी जिसका आउटपुट बाहर किसी स्क्रीन पर दिखना चाहिए.
- सिक्योरिटी गार्ड एक लॉग बुक मेनटेन करेगा जिसमें स्ट्रॉन्ग रूम के आसपास आने वाले लोगों के डिटेल्स, आने का वक्त और ठहरने की मियाद तक दर्ज होगी. अब आने वाले भले ही ऑब्जर्वर हों, चुनाव अधिकारी हों, इलाके का एसपी हो या फिर पॉलिटिकल पार्टियों के नुमाइंदे.
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