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यूपी: भदोही के बुनकरों की परेशानी खत्म कर पाएगा 2019 का चुनाव?

क्या 2019 का चुनाव ‘कारपेट सिटी’ के बुनकरों की सारी शिकायतें खत्म कर देगा?

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वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दू प्रीतम

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क्विंट की टीम उत्तर प्रदेश के लोकसभा क्षेत्र भदोही पहुंची, लोगों का पाॅलिटिकल मूड जानने. यहां के कालीन पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन फिर भी इनके धंधे में तेजी से गिरावट आ रही है. बुनकरों की शिकायत है कि उन्हें उनके हक का मेहताना नहीं मिलता. रोजाना केवल 150-200 रुपये की कमाई हो पाती है.

नोटबंदी ने भी इनके कामकाज पर बुरा असर डाला है.

हम लोगों की मजदूरी हम लोगों को ही नहीं मिलती है. हमारी मेहनत से एक्सपोर्टर कमा रहे हैं, फायदा उठा रहे हैं.
मोहम्मद जहीर, बुनकर

जहां मजदूर कम कमाई को लेकर परेशान हैं, तो वहीं निर्यातकों में नोटबंदी को लेकर शिकायत है. निर्यातकों का कहना है कि जीएसटी आने से उनका काम बढ़ गया है.

जबसे जीएसटी आ गया. डेली रुटिन के कामों में बहुत रुकावटें आ गई हैं. हम लोग दिनभर कागजात देखें या फिर अपना प्रोडक्शन देखें. जीएसटी ने बहुत दिनों तक माहौल खराब रखा.
अरशद वजीरी, कालीन निर्यातक
अभी तो कारपेट इंडस्ट्री में बहुत स्ट्रगल है कालीन के कारोबार में. नीचे की ओर जा रहा है. किसी चीज की स्योरिटी नहीं है. पहले अच्छा-खासा सेल होता था कालीन का. अच्छा मार्जिन रहता था. अब कंपटिशन हो गया है, मशीनमेड कालीन आ गया है. टफटेड कालीन आ गया है. अब बायर भी कन्फ्यूज हो गया है कि क्या खरीदें.
आशीष,कालीन निर्यातक

बुनकर नाराज हैं कि मोदी सरकार की योजनाओं का फायदा उन्हें नहीं मिल रहा है.

क्या 2019 का चुनाव इनकी सारी शिकायतें खत्म कर देगा?

12 मई को वोटिंग

बीजेपी ने भदोही में अपने मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह को मौका न देकर बीएसपी से तीन बार विधायक रह चुके रमेश बिंद पर दांव लगाया है. जबकि, गठबंधन में बीएसपी कोटे से पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र उनके सामने खड़े है. मुकाबला त्रिकोणीय है क्योंकि कांग्रेस का टिकट लेकर मैदान में कूदे आजमगढ़ के पूर्व बीजेपी सांसद रमाकांत यादव ने गठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.

लोकसभा चुनाव के छठे फेज यानी 12 मई को यहां वोटिंग होगी.

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