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हिसाब-किताब: MP, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कितनी महंगाई, राज्य पर कर्ज का कितना बोझ?

Assembly Election: राजस्थान में सितंबर के महीने में महंगाई दर 6.53% रही, MP में 3.67% और छत्तीसगढ़ में 1.98%.

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चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Election), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Election) और राजस्थान (Rajasthan Election) में महंगाई कितना बड़ा मुद्दा है, क्या आप जानते हैं? इन राज्यों में कितनी महंगाई है, इन राज्यों पर कितना कर्ज है, क्या आपको इसका अंदाजा है?

कर्ज लेना समस्या नहीं है, ये तो एक निशानी है कि राज्य जनता पर खर्च कर रही है, लेकिन समय पर कर्ज न चुकाना और उसका बढ़ता बोझ बड़ी परेशानी है.

'हिसाब-किताब' नाम से क्विंट हिंदी सीरीज चला रहा है, जिसमें चुनावी राज्यों एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार की योजनाओं और पिछली सरकार के कामकाज का पूरा विश्लेषण किया जा रहा है.
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महंगाई

महंगाई मुद्दा बने या ना बने, आपकी जेब पर जो असर पड़ रहा है वो बढ़ती महंगाई की पुष्टी करता है. इस वक्त आपकी खाने थाली लगातार महंगी होती जा रही है. आटा, गेहूं, चावल, दालें, तेल, मसाले, प्याज इस महंगाई को ज्यादा बढ़ा रहे हैं.

यहां हम रिटेल महंगाई की बात करेंगे, यानी वो महंगाई जिसका सीधा असर आप-हम उपभोक्ताओं पर पड़ता है. भारत में अगस्त के महीने में महंगाई दर 6% थी जो सितंबर में घट कर 5.02% हो गई. RBI के मुताबिक 6% से ज्यादा महंगाई मतलब, महंगाई का हाथ से निकल जाना, RBI की कोशिश रहती है कि महंगाई दर 6% से ऊपर न जाए.

चुनावी राज्य राजस्थान में सितंबर के महीने में महंगाई दर 6.53% रही, मध्य प्रदेश में 3.67% और छत्तीसगढ़ में 1.98%. आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में महंगाई वाकई ज्यादा है.
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आकड़ों की तह में मध्य प्रदेश में भी ज्यादा महंगाई

जिन आंकड़ों का यहां जिक्र हुआ उसे देखकर कुछ लोग ये जरूर सोच सकते हैं कि MP में भले ही महंगाई दर कम हो लेकिन बटुए पर दबाव फिर भी ज्यादा है. शुरू में हमने आपको जो आईटमों की लिस्ट गिनाई वो खाद्य पदार्थ की है. जब इन आकड़ों की तह तक जाे और इसमें फूड और बेवरेजेज यानी जूस से लेकर सॉफ्ट ड्रिंक तक इसकी महंगाई जोड़ दी जाए तो एमपी में 2019-20 में महंगाई दर 7.6% थी जो 2023-24 में घट कर 7.4% है.

छत्तीसगढ़ का ग्राफ दिखाता है कि यहां सरकार महंगाई दर को काबू में रखने में सफल हुई है. फूड और बेवेरेजेज की महंगाई दर 2019-20 में 3.99% थी जो घटक 2023-24 में 3.77% हुई है, मामूली गिरावट.

वहीं राजस्थान की हालत सबसे बुरी है. 2019-20 में फूड और बेवेरेजेज की महंगाई दर 8.31% पर थी जो घटकर 7.45% आ गई है.

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MP, राजस्थान पर भारी कर्ज 

चुनावी राज्यों के पास कितना कर्ज है, ये जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि कर्ज का पैसा भी जनता की जेबों से ही वसूल कर भरा जाता है. साथ ही आजकल फ्रीबीज पर ज्यादा चर्चा है. केवल आम आदमी पार्टी ही नहीं कांग्रेस-बीजेपी भी फ्री में बांटने की योजनाएं लाती हैं. वहीं कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की बात कर रही है, कहीं पर पहले से ही लागू है, इसका असर भी सरकार के खजाने पर पड़ता है.

यहां आपको कर्ज का जो आंकड़ा बताया जा रहा है, वह राज्य के बजट में मौजूद आंकड़ा है. साल 2022 में कर्ज को लेकर सरकार ने जो रिवाइज्ड एस्टिमेट जारी किया है वो आंकड़ा हम आपको बता रहे हैं. हो सकता है इसके बाद कर्ज का कुछ हिस्सा सरकार ने चुकाया हो या ना चुकाया हो.

  • छत्तीसगढ़ पर 1 लाख 06 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है

  • मध्य प्रदेश पर 3 लाख 26 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है

  • राजस्थान पर 4 लाख 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है

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