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मेनका ने मुस्लिमों से कहा,वोट नहीं देंगे तो नहीं करूंगी आपका काम

मेनका गांधी ने पीलीभीत में मुस्लिम वोटरों से कहा, हमें वोट नहीं दोगे तो आपका काम नहीं होगा 

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केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यूपी के सुल्तानपुर में अपनी एक चुनावी सभा में साफ-साफ कह दिया कि अगर मुसलमान उन्हें वोट नहीं देंगे तो वह उनका काम नहीं करेंगी. बीजेपी की सीनियर लीडर मेनका ने कहा कि वह ये चुनाव जीत चुकी हैं. वह मुसलमानों के वोट के बगैर भी जीत रही हैं. लेकिन कल अगर मुसलमान काम के लिए आएंगे तो सोचिए मेरा रिएक्शन क्या होगा?

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कैमरे में रिकार्ड मेनका के भाषण में कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को उन्हें ही वोट देना चाहिए क्योंकि दुख-तकलीफ में वही उनकी मदद करती हैं. वह कह रही हैं, ' मुसलमान वोटिंग के समय मेरा ध्यान रखें. अगर ऐसा नहीं होता तो जीतने पर मैं उनकी जरूरतें पूरी नहीं कर पाऊंगी'

NAZI GERMANY REPEATS IN HINDU RASHTRA ---- Former Union Minister of India, Ms. Maneka Gandhi threatens Muslim men, women...

Posted by Ameen Ahmed on Thursday, April 11, 2019

मेनका ने पूछा,मेरे लिए काम करना चाहते हैं या नहीं?

पीलीभीत से सांसद मेनका इस बार सुल्तानपुर से लड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं. अब मुसलमानों को तय करना है कि वह मेरे साथ रहना चाहते हैं कि नहीं. मेरे लिए काम करना चाहते हैं या नहीं.

वोट के लिए सुल्तान के मुसलमानों पर दबाव डालने का मेनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि द क्विंट इस वीडियो की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता. यह वीडियो स्थानीय स्रोतों से हासिल हुआ है और क्विंट इसकी सचाई का पता नहीं कर सका है. हालांकि एक लोकल चैनल पर भी मेनका का यह भाषण दिखाया गया है. एक इंडिपेंडेंट यू ट्यूब व्लॉगर ने 11 अप्रैल को मेनका के इस बयान को ट्वीटर पर शेयर किया है.

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इस वीडियो में मेनका साफ तौर पर कह रही हैं

मैं आपके बगैर भी जीत जाऊंगी.... लेकिन आपको मेरी जरूरत होगी. जब नतीजे आएंगे और मैं देखूंगी कि इस बूथ से सिर्फ 50 से 100 वोट मिले हैं तो मुझे तकलीफ होगी. तो यह आप पर है कि आप मेरे साथ देते हैं या नहीं 
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आचारसंहिता का उल्लंघन

चुनाव आयोग की ओर से लागू आदर्श आचारसंहिता में साफ कहा गया है कि वोट मांगते समय जाति और समुदाय के आधार पर भावनात्मक अपील नहीं की जानी चाहिए. इस वीडियो को देखकर पहली नजर में तो यही लगता है कि मेनका ने आचारसंहिता का उल्लंघन किया है. अब यह चुनाव आयोग पर है कि वह इसका संज्ञान लेता है या नहीं

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