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बंगाल में EC के फैसले के खिलाफ विपक्ष लामबंद,ममता को माया का साथ

बंगाल में वक्त से पहले कैंपेनिंग रोकने के मामले में EC का विरोध शुरू, विपक्ष हो रहा है लामबंद

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चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल में वक्त से पहले इलेक्शन कैंपेनिंग रोकने के फैसले पर विपक्ष लामबंद होता दिख रहा है. बीएसपी चीफ मायावती, कांग्रेस नेता अहमद पटेल और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध किया है.

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‘ममता सरकार को टारगेट किया जा रहा है’

बीएसपी चीफ मायावती ने आयोग के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग ने गुरुवार की रात दस बजे से कैंपेनिंग पर रोक लगाई है. उन्‍होंने पूछा कि अगर कैंपेनिंग बैन ही करना था, तो सुबह से क्यों नहीं की?

कांग्रेस ने भी जताया विरोध

कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल ने कहा है कि चुनाव आयोग ने कैंपेनिंग रोकने के लिए राज्य में अभूतपूर्व हालात का हवाला दिया है, लेकिन पीएम की रैली करने तक कैंपेनिंग रोकने के फैसले को रोक रखा है.

येचुरी ने कहा,आयोग का फैसला समझ से परे

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कैंपेनिंग रोकने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक दिन पहले प्रचार अभियान रोकने का चुनाव आयोग का फैसला समझ से परे है. उन्‍होंने कहा, ''चुनाव आयोग को तो सबसे पहले हिंसा करने वाले बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. आखिर इन लोगों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?''

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चुनाव आयोग ने हिंसा का हवाला देकर रोकी कैंपेनिंग

चुनाव आयोग ने अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा को देखते हुए गुरुवार रात दस बजे के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार अभियान खत्म करने का फैसला किया है. आयोग ने पश्चिम बंगाल के एडीजी (सीआईडी) राजीव कुमार और प्रधान सचिव (गृह) अत्रि भट्टाचार्य को भी हटा दिया है. राजीव कुमार को चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में गृह मंत्रालय भेज दिया है. गृह सचिव की जिम्मेदारी मुख्य सचिव को दी गई है.

19 मई को लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज की वोटिंग की है. सामान्य स्थिति में चुनाव प्रचार 17 मई की शाम पांच बजे खत्म होना चाहिए. लेकिन चुनाव आयोग ने 19 घंटे पहले ही ऐसा करने का फैसला कर लिया. पश्चिम बंंगाल में जारी हिंसा को को देखते हुए आयोग ने आनन-फानन में यह फैसला किया है.

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