मायावती ने यह साफ किया है कि एसपी-बीएसपी और आरएलडी गठबंधन ने यूपी में अमेठी, रायबरेली में अपना उम्मीदवार क्यों नहीं खड़ा किया. उन्होंने कहा है कि गठबंधन ने बीजेपी-आरएसएस को कमजोर करने के लिए यहां से कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है ताकि राहुल-सोनिया फिर से चुनाव जीत जाएं. वे इन सीटों पर ही उलझ कर न रह जाएं. जबकि अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी पिछड़ रही है इसलिए पीएम मोदी की भाषा बदल गई है.
‘गठबंधन का एक-एक वोट सोनिया और राहुल को मिलेगा’
मायावती ने कहा, हमने देश में, जनहित में खास कर बीजेपी-आरएसएसवादी ताकतों को कमजोर करने के लिए यूपी में अमेठी-रायबरेली लोकसभा सीट को कांग्रेस के लिए इसलिए छोड़ दिया ताकि इसके दोनों सर्वोच्च नेता दोनों सीटों से फिर से चुनाव लड़ें और इन्हीं में उलझ कर ना रह जाएं.
बीएसपी चीफ ने कहा कि बीजेपी इसका फायदा यूपी के बाहर ज्यादा न उठा ले इसलिए हमारे गठबंधन ने दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी. मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे गठबंधन का एक-एक वोट हर हालत में दोनों कांग्रेस नेताओं को मिलने वाला है.
अखिलेश ने कहा,पीएम की भाषा बदली अब विकास की बात नहीं करते
इधर, अखिलेश यादव ने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘’पीएम की भाषा बदल गई है क्योंकि अब तक हुई वोटिंग में बीजेपी पिछड़ती दिख रही है. बीजेपी के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है इसलिए अब वह विकास, किसानों की आय के बजाय कुछ और ही भाषा बोल कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. अब एसपी-बीएसपी और आरएलडी मिलकर फैसला करेंगे कि कौन सरकार बनाएगा और कौन पीएम बनेगा.’’
अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘’ उनकी गिनती बिगड़ गई है. उन्हें पता है कि वे अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते. इसलिए इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी का सहारा ले रहे हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कभी किसी पर सीबीआई रेड नहीं हुआ लेकिन यह पहली सरकार है जो आचारसंहिता लागू होने और चुनाव शुरू होने के बाद लोगों को डराने का काम कर रही है.
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