वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर पीएम मोदी को चुनौती देने जा रहे बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन रद्द हो गया है. इसके बाद से तमाम दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं. पहली प्रतिक्रिया आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आई है.
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तेज बहादुर का नामांकन रद्द कराने का आरोप लगाया है.
केजरीवाल ने कहा- जवान से डर गए पीएम मोदी
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने पर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है. केजरीवाल ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘इतिहास में ऐसे कम मौके होंगे, जब उस देश का जवान अपने पीएम को चुनौती देने को मजबूर हो. पर इतिहास में ये पहला मौका है, कि एक पीएम, एक जवान से इस कदर डर जाए कि उसका मुकाबला करने की बजाय तकनीकि गलतियां निकालकर नामांकन रद्द करा दे. मोदीजी, आप तो बहुत कमजोर निकले, देश का जवान जीत गया.’
आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया दी है. संजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘वाराणसी में चुनाव हो रहा है, या मजाक हो रहा है? आतंकी, माफिया, गुंडे, अपराधी सब चुनाव लड़ सकते हैं तो फिर सेना का जवान तेज बहादुर क्यों नहीं?’
अखिलेश का ‘राष्ट्रवाद’ को लेकर बीजेपी पर निशाना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करने की अपील कर रही है, तो उन्हें जवान का सामना करना चाहिए. जिन लोगों ने जवान को उसकी नौकरी से सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया, क्योंकि उसने खाने को लेकर शिकायत की थी, ऐसे लोग देशभक्त कैसे हो सकते हैं?’
वहीं समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा है कि तेज बहादुर यादव को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह किसानों और जवानों की आकांक्षाओं और चिंताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें वाराणसी में लोगों का जो समर्थन मिल रहा है उससे बीजेपी भयभीत है.
नामांकन रद्द होने को तेज बहादुर ने बताया साजिश
तेज बहादुर ने अपना नामांकन रद्द होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘तानाशाही तरीके से मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. मंगलवार शाम 6 बजे मुझसे सबूत मांगा गया था, मेरे पास कोई चार्टर प्लेन नहीं, जो उड़कर मैं पहुंच जाऊं और सबूत लाऊं, लेकिन मैं सबूत लेकर आया. इसके बावजूद चुनाव आयोग ने मेरा नामांकन रद्द कर दिया.
तेज बहादुर पर नामांकन के दौरान हलफनामे में नौकरी से बर्खास्तगी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप था. आयोग ने तेज प्रताप को बुधवार 11 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा था. तेज बहादुर का कहना है, ‘मोदीजी नहीं चाहते कि किसी किसान या जवान का बेटा उनके सामने खड़ा हो.’
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