यहां देखें राजस्थान चुनाव 2023 का शेड्यूल
गैजेट नोटिफिकेशन 30 अक्टूबर तक होगा
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर 2023 है
वहीं नामांकनों की स्क्रूटनी 7 नवंबर को की जाएगी
9 नवंबर नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है
3 दिसंबर को वोट की गिनती होगी
राजस्थान इलेक्शन रिजल्ट 2018
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. राज्य में दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही विधानसभा की 200 सीटों पर अपनी ताकत झोंक दी है. हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला 200 सीट के बजाय 119 सीट पर है. इन सीटों के मतदाता हार-जीत को तय करते हैं. 60 ऐसी सीटें हैं, जिन्हें बीजेपी का गढ़ माना जाता है. वहीं, 21 सीटों पर कांग्रेस जीतती आई है और यहां उसके उम्मीदवार को हराना चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में असली दंगल बची हुई 119 सीटों पर देखने को मिलेगी.
राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार, राजस्थान में मतदाताओं की कुल संख्या 5.26 करोड़ है, जिनमें से 2.51 करोड़ महिलाएं हैं.
चलिए, राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कितनी कड़ी टक्कर होगी, इसे जानने के लिए साल 2018 के नतीजों पर नजर डालते हैं.
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी मात दी थी. कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, बीजेपी को 73 सीट से संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा, बीएसपी को 6, आरएलपी को 3, अन्य को पांच और निर्दलीयों को 13 सीटों पर जीत मिली थी.
बीजेपी, कांग्रेस, CPI(M), इंडियन नेशनल लोकदल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP), बीएसपी आदि पार्टियां हैं, जो राज्य के चुनाव में अपना भाग्य आजमाती हैं.
राज्य में कौन से बड़े नेता है?
कांग्रेस: 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इसके प्रमुख नेताओं में से अशोक गहलोत हैं, जिनके हाथ में फिलहाल राज्य की बागडोर है. सीएम गहलोत अपने गृह क्षेत्र जोधपुर से चुनाव लड़ते हैं. वहीं, डिप्टी सीएम सचिन पायलट टोंक से चुनावी ताल ठोकते हैं. गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह, खेल मंत्री अशोक चांदना, शांति धारीवाल, रघु शर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ये सभी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हैं.
बीजेपी राज्य में विपक्ष की भूमिका में है. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ अभी चूरू से विधायक हैं. चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. चर्चा है कि जोधपुर से दो बार लगातार सांसद रहे शेखवात इस बार लोहावट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
राजस्थान में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया आमेर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ सकते हैं. राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी हवामहल या किशनपोल से चुनावी मैदान में आ सकती हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, कैलाश चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है.
राजस्थान की राजनीति में कौन हारेगा या जीतेगा, ये तो चुनाव परिणाम बताएंगे लेकिन फिलहाल, यहां का सियासी माहौल दिलचस्प है. राजस्थान में हर साल सरकार बदल जाने का इतिहास रहा है. गहलोत और पायलट की सियासी रस्साकशी, प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था कांग्रेस को भारी पड़ सकती है.
वहीं, बीजेपी में सीएम फेस को लेकर एक ओर से नाराजगी देखने को मिल रही है. बीजेपी यहां पीएम मोदी के फेस पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे समेत कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने से उनके समर्थकों में नाराजगी देखने को मिल रही है. दोनों संगठनों की अंदरुनी कलह अब जनता के सामने है. ऐसे में कांटे की टक्कर होनेवाली है. जनता किसके सिर पर ताज पहनाएगी, ये देखने वाली बात होगी.
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