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साध्वी प्रज्ञा BJP में शामिल, दिग्विजय सिंह के खिलाफ लड़ेंगी चुनाव

साध्वी प्रज्ञा सितंबर 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं

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महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में आरोपी बनाए जाने के बाद सुर्खियों में आईं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. प्रज्ञा ठाकुर बुधवार को ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुईं और शाम तक उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लग गई.

प्रज्ञा ठाकुर भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को टक्कर देंगी.

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साध्वी प्रज्ञा सितंबर 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं
मैं औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो गई हूं. मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी.
साध्वी प्रज्ञा

इससे पहले भोपाल से चुनाव लड़ने के सवाल पर प्रज्ञा ने कहा-

भोपाल संसदीय क्षेत्र में दिग्विजय सिंह कोई चुनौती नहीं हैं. मेरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित है, लिहाजा जो जरूरी होगा, वह करूंगी.

कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर?

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में आरोपी बनाए जाने के बाद सुर्खियों में आई थी. हालांकि, कोर्ट ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के प्रावधानों को हटा दिया, लेकिन उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है. प्रज्ञा ठाकुर को पिछले साल बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.

साध्वी प्रज्ञा सितंबर 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में वह नौ साल तक जेल में थीं और फिलहाल जमानत पर हैं.

29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

साध्वी प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी से जुड़ी रहीं हैं. उन्हें तीखे भाषणों के लिए जाना जाता है.

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क्या है भोपाल सीट के समीकरण?

भोपाल सीट पर 18 लाख मतदाताओं में से लगभग 25 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. बीजेपी दिग्विजय सिंह को हिंदू विरोधी नेता के रूप में पेश करती रही है. साध्वी प्रज्ञा पहले ही कह चुकी हैं कि उन्हें दिग्विजय सिंह जैसे हिंदू विरोधी नेता को चुनौती देने में खुशी होगी.

कांग्रेस ने साल 1989 से भोपाल सीट नहीं जीती है. भोपाल संसदीय क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, क्योंकि यहां से बीजेपी साल 1989 से लगातार जीतती आ रही है.

बीजेपी के मौजूदा सांसद आलोक संजर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 3.7 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. हालांकि, इस बार कांग्रेस ने भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है. दूसरी ओर बीजेपी अबतक उम्मीदवार का ऐलान नहीं कर पाई है. यहां से केंद्रीय मंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रज्ञा ठाकुर के नाम की चर्चा चल रही है.

बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भोपाल संसदीय क्षेत्र में आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से तीन सीटों पर जीत हासिल की थी.

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