उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है. इस सीट से मौजूदा सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अक्षय यादव को उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव चुनौती देंगे.
2017 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शुरू हुई मुलायम कुनबे की कलह लोकसभा चुनाव 2019 में वर्चस्व की लड़ाई बन गया है. इस लड़ाई में शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई और अब वह अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को फिरोजाबाद सीट पर चुनौती देने जा रहे हैं.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट
छोटे दलों के साथ गठबंधन कर मैदान में उतर रही है पीएसपी
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर रही है. इसी कड़ी में पीएसपी ने मंगलवार को पीस पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया. इस दौरान पीएसपी प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए वह सभी सेक्युलर दलों से गठबंधन करने को तैयार थे लेकिन कई दलों ने निजी स्वार्थ को वरीयता दी.
उन्होंने कहा कि आज के दौर में बीजेपी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है. इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने सेक्युलर मोर्चा के अंतर्गत सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले 40 दलों का एक गठबंधन बनाया है.
‘एसपी-बीएसपी और कांग्रेस के स्वार्थ की वजह से नहीं बन सका निर्णायक मोर्चा’
शिवपाल यादव ने कहा कि वह बीजेपी के खिलाफ सेक्युलर दलों को एक मंच पर लाकर निर्णायक मोर्चा बनाना चाहते थे, लेकिन एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के निजी स्वार्थ की वजह से ऐसा नहीं हो सका.
यादव ने आगे कहा कि हमने लगातार यह कोशिश की कि बीजेपी के खिलाफ एक निर्णायक मोर्चा बने, लेकिन कुछ लोगों के स्वार्थ की वजह से यह संभव नहीं हो सका.
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