बीएसएफ से बर्खास्त जवान और वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव का पर्चा भरने वाले तेज बहादुर यादव ने वाराणसी में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. तेज बहादुर ने कहा कि उन्हें बीजेपी के नेताओं ने चुनाव न लड़ने के बदले 50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था.
तेज बहादुर का दावा है कि वे जब निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर पर्चा दाखिल कर लौटे थे, तभी से बीजेपी के नेता उनसे संपर्क करने लगे थे. हालांकि तेज बहादुर का पर्चा खारिज हो चुका है.
हालांकि तेज बहादुर यादव ने किसी बीजेपी नेता का नाम नहीं बताया. तेज बहादुर ने आशंका जताई कि बीजेपी के लोग उनकी हत्या तक करवा सकते हैं.
शालिनी यादव के समर्थन में, PM मोदी के खिलाफ करेंगे प्रचार
तेज बहादुर यादव नामांकन रद्द होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए और एक के बाद एक बड़े आरोप लगाए.
तेज बहादुर ने बताया कि ये एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव का गेमप्लान था कि वो 2 बार नामांकन करें. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास था कि मोदी जी हर हाल में मेरा नामांकन रद्द करवाएंगे, इसलिए हमनें शालिनी यादव का नामांकन तैयार रखा था. अब मैं वाराणसी की गलियों में पैदल घूम-घूमकर शालिनी यादव के समर्थन में मोदी जी के खिलाफ वोट मांगूंगा.’’
तेज बहादुर ने कहा, ‘’पहले मुझे पीएम मोदी पर भरोसा था कि वो मेरे और देश लिए कुछ करेंगे. इसलिए वो वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था. लेकिन बाद में जब पता चला कि मोदी जी जो दिखते हैं वो हैं नहीं, तब ये फैसला किया था कि मोदीजी जहां से चुनाव लड़ेंगे, मैं वहीं उनको चुनौती दूंगा. लेकिन उनको मिली नौकरी से बर्खास्तगी, बेटे की हत्या और नामांकन रद्द.’’
बता दें कि तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र की जांच के बाद पता चला कि जो दो बार उन्होंने पर्चे दाखिल किए, उसमें बीएसएफ से बर्खास्तगी को लेकर दो अलग-अलग जानकारी दी गई. इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से एनओसी लेकर आने के लिए कहा गया, जिसमें उनको बर्खास्त करने की वजह साफ बताई गई हो.
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