वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
तेलंगाना चुनाव में राजधानी हैदराबाद की चंद्रायगुट्टा विधानसभा सीट की अहमियत कुछ ज्यादा ही है. कांग्रेस ने यहां से ईसा बिन ओबैद मिसरी को अपना प्रत्याशी बनाया है. युवाओं के बीच मिसरी की लोकप्रियता अच्छी है. राजनीति में आने से पहले इसा एक मशहूर बाॅडी बिल्डर थे. वो मिस्टर यूनिवर्स चैलेंज में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं.
‘’कई छोटे-छोटे टूर्नामेंट जीतकर मैंने 2009 में नेशनल के लिए कोशिश की. मैं बिजनेस कर रहा था. ज्यादा तैयारी करने के लिए बहुत वक्त चाहिए था. 2009 में मैंने मिस्टर इंडिया काॅम्पिटीशन में ब्राॅन्ज मेडल जीता. 2015 में मैं दोबारा बाॅडी बिल्डिंग की तरफ आया. 2014-15 के दौरान मैं यूएस गया, वहां मुझे मिस्टर यूनिवर्स काॅम्पिटीशन में चौथी पोजिशन मिली. 2016 में मैं फिर से मिस्टर यूनिवर्स काॅम्पिटीशन के लिए मियामी पहुंचा. वहां मैं रनर-अप रहा और देश के लिए सिल्वर मेडल जीता.’’ईसा बिन ओबैद मिसरी
चंद्रायगुट्टा सीट परंपरागत रूप से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कब्जे में है. यहां से एआईएमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने पिछले चार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की हैं.
बाॅडी बिल्डिंग से राजनीति की तरफ आने के बारे में ईसा बताते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में होने वाली सांप्रदायिक राजनीति से ऊबकर ये फैसला लिया.
राजनीति में खासकर हमारे हैदराबाद में कोई विधायक किसी और समुदाय को टारगेट कर बुरा-भला कह देता है. फिर हमारे समुदाय का भी कोई विधायक ऐसा ही करता है. पिछले 1 साल से ये सोशल मीडिया वॉर चल रहा है. मैंने लोगों को ऐसा करने से मना किया है. मैंने सोचा कि अगर एक आम आदमी, बिजनेसमैन, बाॅडी बिल्डर ये बात कहेगा, तो लोग नहीं सुनेंगे. इसलिए मैंने सोचा कि मैं खुद राजनीति में आऊंगा.ईसा बिन ओबैद मिसरी
अकबरुद्दीन ओवैसी से चुनावी मुकाबले को लेकर ईसा कहते हैं, “मेरा मुकाबला किसी से नहीं है. मैं अवाम के सामने खादिम (सेवक) बनकर पेश हो रहा हूं. मुझे किसी का कोई डर नहीं है, न ही डरने की जरूरत है.”
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